अल्मोड़ा — हाल ही में आबकारी आयुक्त द्वारा एक अहम आदेश जारी किया गया, जिसमें प्रदेश भर में उन शराब की दुकानों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके खुलने का स्थानीय जनता द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस आदेश के अनुसार यदि किसी क्षेत्र विशेष में शराब की दुकान को लेकर जनभावना नकारात्मक है और विरोध सामने आ रहा है, तो वहां की दुकान को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा।
इस आदेश को लेकर अल्मोड़ा नगर के पार्षद वैभव पांडे ने इसे जनता की जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के स्वामी विवेकानंद द्वार के सामने स्थित शराब की दुकान को हटाने की मांग को लेकर वे और स्थानीय नागरिक लगातार संघर्ष कर रहे थे। इस मांग को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपे गए थे और एक बड़ा धरना-प्रदर्शन भी किया गया था, जिससे जनभावना सरकार तक पहुंची।
पार्षद वैभव पांडे ने कहा, “हमारी आवाज़ आखिरकार सरकार के कानों तक पहुंची और आबकारी आयुक्त द्वारा ऐसा निर्णय लिया गया जिससे जनता को राहत मिल सके।” उन्होंने इसे अल्मोड़ा की जनता के संघर्ष की जीत बताया और राज्य सरकार से मांग की कि आदेश का तत्काल और सख्ती से पालन किया जाए।
उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आदेश के बावजूद स्वामी विवेकानंद द्वार के समीप स्थित शराब की दुकान को बंद नहीं किया गया, तो अल्मोड़ा की जनता के साथ मिलकर एक विशाल जन आंदोलन किया जाएगा। इसकी समस्त ज़िम्मेदारी शासन, प्रशासन और आबकारी विभाग की होगी।
यह मामला सिर्फ एक दुकान का नहीं, बल्कि जनभावनाओं और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है। अल्मोड़ा जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर के प्रवेश द्वार पर शराब की दुकान होना नगर की गरिमा के विपरीत है।
अब यह देखना होगा कि शासन इस आदेश को कितनी गंभीरता से लेता है और कितनी जल्दी उस पर अमल करता है।