हल्द्वानी की उभरती हुई भरतनाट्यम नृत्यांगना स्वस्तिका जोशी का चयन भारत सरकार की प्रतिष्ठित नेशनल स्कॉलरशिप के लिए हुआ है। यह स्कॉलरशिप सीसीआरटी (केंद्र संस्कृति संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। स्वस्तिका जोशी उत्तराखंड की एकमात्र बाल कलाकार हैं जिन्हें दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की शिक्षा के लिए यह स्कॉलरशिप प्रदान की गई है।
महज 6 वर्ष की आयु से भरतनाट्यम की शिक्षा शुरू करने वाली स्वस्तिका ने गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रसिद्ध गुरु शुभम खोवाल से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। नृत्य के प्रति उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें बहुत ही कम उम्र में राष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई है। मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही स्वस्तिका ने दिल्ली, आगरा, शिमला, उज्जैन, गाज़ियाबाद, इलाहाबाद, लखनऊ, बनारस, अल्मोड़ा और हल्द्वानी जैसे कई शहरों में मंचों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
वर्तमान में स्वस्तिका जोशी हल्द्वानी के सेंट थेरेसा स्कूल में कक्षा सात की छात्रा हैं। हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनारस के नमो घाट और अस्सी घाट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भरतनाट्यम की एकल प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया था, जहाँ उनके नृत्य को भरपूर सराहना मिली।
स्वस्तिका की नृत्य साधना को विभिन्न मंचों पर कई सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है, जिनमें उत्तराखंड बाल गौरव सम्मान, कुमाऊं श्रेष्ठ सम्मान, शशि कला प्रवीण सम्मान और पं. बनारसी दास स्मृति पुरस्कार प्रमुख हैं। यह सम्मान उनकी कला साधना की गवाही देते हैं।
स्वस्तिका के पिता हेमंत जोशी ने बताया कि यह स्कॉलरशिप उन्हें 20 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी शास्त्रीय नृत्य शिक्षा को एक सशक्त आधार मिलेगा। उत्तराखंड की इस उपलब्धि पर पूरे राज्य में गर्व की लहर है और स्वस्तिका को बधाइयों का तांता लगा हुआ है।