अल्मोड़ा, उत्तराखंड – भाकृअनुप – विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हवालबाग, अल्मोड़ा में प्याज एवं लहसुन पर अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना (AINRPOG) की 16वीं वार्षिक कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं परिषद गीत के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के 70 से अधिक वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कृषक उपस्थित रहे।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में प्याज और लहसुन जैसी नकदी फसलों की खेती से किसानों की आय में वृद्धि संभव है। उन्होंने कृषकों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाकर बेहतर मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने स्वच्छ पर्यावरण पौध कार्यक्रम की शुरुआत की सराहना करते हुए “विकसित कृषि संकल्प अभियान: अनुसंधान किसान के द्वार” कार्यक्रम में भागीदारी का आह्वान किया।
कार्यशाला के अध्यक्ष, भाकृअनुप के उपमहानिदेशक (बागवानी विज्ञान) डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि कार्यशाला के दौरान आने वाले तीन वर्षों के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने युवाओं को प्याज एवं लहसुन की खेती में वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग से जुड़ने का आह्वान किया।
संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत ने संस्थान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह वही संस्थान है जिसने प्याज की पहली संकर किस्म ‘वी.एल. प्याज-67’ विकसित की थी। संस्थान द्वारा विकसित प्याज एवं लहसुन की चार किस्मों का न केवल विकास, बल्कि व्यवसायीकरण भी किया जा चुका है।
इस अवसर पर DOGR, पुणे के निदेशक डॉ. विजय महाजन ने परियोजना की वार्षिक उपलब्धियों को साझा किया एवं तीन प्रमुख प्रकाशनों का विमोचन किया गया। साथ ही, प्रगतिशील कृषकों हुकुम सिंह एवं नैन सिंह को सम्मानित किया गया।
समारोह में अल्मोड़ा नगर निगम के महापौर अजय वर्मा, डॉ. सुधाकर पांडे (ADG, भाकृअनुप), डॉ. के.ई. लवांडे, डॉ. प्रवीण मलिक, डॉ. संजय कुमार सहित देश के विभिन्न संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के गणमान्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
यह कार्यशाला पहाड़ी कृषि की संभावनाओं को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हो रही है।