अल्मोड़ा,
विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अनियमितताओं, शिक्षकों की गैर-जवाबदेही और छात्रों के साथ हो रहे पक्षपात के विरुद्ध शुक्रवार को छात्रों ने पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में कुलपति कार्यालय के बाहर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। धरना प्रातः 11 बजे आरंभ हुआ, जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की।
अशोक सिंह ने बताया कि 24 अप्रैल 2025 को कुलपति महोदय को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें कई गंभीर मुद्दे उठाए गए थे, लेकिन अब तक न तो कोई उत्तर मिला और न ही कोई कार्रवाई हुई है। प्रमुख मांगों में समय पर शैक्षणिक सत्र, परीक्षा, परिणाम व प्रवेश प्रक्रियाएं सुनिश्चित करना, एकेडमिक कैलेंडर लागू करना, और सभी संकायों विशेषकर विधि संकाय में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करना शामिल हैं।
अशोक सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ शिक्षकों द्वारा अपने चहेते छात्रों को खुलेआम अनुचित सहायता दी जा रही है, जिससे अन्य छात्रों का मनोबल गिर रहा है। उन्होंने कहा कि UGC और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित उपस्थिति मानकों का उल्लंघन हो रहा है, और पठन-पाठन स्तर में भारी गिरावट आई है।
धरने में एक और गंभीर आरोप यह भी लगाया गया कि 25 अप्रैल की रात को उन्हें एक अज्ञात महिला द्वारा फोन पर धमकाया गया, जो कथित रूप से वंदना टम्टा, रिसर्च स्कॉलर व सेल्फ फाइनेंस शिक्षिका से जुड़ा मामला था। अशोक सिंह ने आरोप लगाया कि उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें और छात्रों को धमकाया जा रहा है, जिससे परिसर का माहौल खराब हो रहा है।
उन्होंने वंदना टम्टा को तुरंत माफीनामा देने और सेवा समाप्त करने की मांग की है। साथ ही डीपी यादव द्वारा कथित रूप से दबाव बनाए जाने और बाहरी लोगों से फोन करवाने के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना और तालाबंदी शुरू की जाएगी। धरने में पूर्व छात्रसंघ उपसचिव राकेश भंडारी, पूर्व छात्रसंघ प्रतिनिधि प्रत्याशी दीपक सिंह, विक्रम बिष्ट, हसन, रोहित बिष्ट, कमलेश कुमार, दिनेश कुमार सहित अन्य छात्र उपस्थित रहे।