राष्ट्र नीति के तत्वावधान में और अधिवक्ता विनोद तिवारी के नेतृत्व में चल रहे जनआंदोलन को आज 17 दिन पूर्ण हो गए। यह आंदोलन ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, रौंद, डाल, चाण सहित क्षेत्रीय मांगों को लेकर चलाया जा रहा है, जिसमें तीन मुख्य मांगें शामिल हैं—सड़क डामरीकरण, कोसी नदी पर पुल निर्माण, और जीआईसी खूंट में पेयजल व्यवस्था की स्थायी सुविधा उपलब्ध कराना। साथ ही, पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग भी धरनास्थल पर प्रमुखता से उठाई जा रही है।
आज आंदोलन स्थल पर दिन की शुरुआत हल्द्वानी में मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म की घटना के विरोध में नारेबाजी के साथ हुई। आंदोलनकारियों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से आरोपी के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की मांग की।
आंदोलन के तहत भीख अभियान भी जारी रहा, जिसमें प्रतीकात्मक रूप से जनता से सहयोग मांगते हुए सरकार की उदासीनता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। आज आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया है। उन्होंने चेताया कि यदि निर्धारित समयावधि के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो पूरे गांव और नगर में “भीख का पत्र” लेकर व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
आज के धरने में पूरन सिंह रावत, लक्ष्म सिंह, जोगा सिंह, आनंद कनवाल, गोपाल सिंह, रवेंद्र बिष्ट, प्रकाश चंद्र समेत कई स्थानीय नागरिकों ने भागीदारी की और आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम – आंदोलन का 17वां दिन, हल्द्वानी दुष्कर्म कांड के विरोध में नारेबाजी

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