अल्मोड़ा।
गांधी पार्क, अल्मोड़ा में राष्ट्रीय नीति संगठन के तत्वावधान में एडवोकेट विनोद चंद्र तिवारी के नेतृत्व में विगत 14 दिनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। पहली बार प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें बिना कोई संतोषजनक उत्तर पाए बेरंग लौटा दिया।
ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, रौन, डाल, चाण आदि के ग्रामीण लंबे समय से कोसी नदी पर पुल निर्माण, सड़कों के डामरीकरण, जीआईसी खूंट में पानी व्यवस्था सुनिश्चित कराने तथा उत्तराखंड के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
आंदोलन में नया मोड़ तब आया जब ग्रामीणों ने सांसद अजय टम्टा और जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे का पता बताने वालों को 25 पैसे (चवन्नी) का इनाम देने की घोषणा कर दी। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की पहल पर जूनियर इंजीनियर दीप चंद्र तिवारी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उमापति पांडे को स्थल पर भेजा गया।
हालांकि, आंदोलनकारियों ने अधिकारियों से औपचारिक बातचीत कर उन्हें बिना समाधान के वापस लौटा दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी समाधान के साथ धरना स्थल पर नहीं आते, तब तक किसी भी प्रतिनिधि को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
धरना स्थल पर सामाजिक कार्यकर्ता पूरन सिंह बिष्ट, झुंगर राम रौन, पूरन सिंह बोरा, दीपक आर्य, पूर्वी, देवेंद्र बिष्ट समेत कई ग्रामीण उपस्थित रहे।