बाईपास निर्माण की मांग को लेकर ग्राम शैल से पांडेखोला के ग्रामीणों ने बिट्टू कर्नाटक को सौंपा ज्ञापन
ग्राम शैल से पांडेखोला तक ग्रामीणों में असुरक्षा का माहौल, हाईवे चौड़ीकरण को लेकर जताई चिंता
अल्मोड़ा,
राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य को लेकर ग्राम शैल से पांडेखोला तक के ग्रामीणों में भारी चिंता और असुरक्षा का माहौल व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों को बिना किसी पूर्व सूचना के चिह्नित किया जा रहा है, जिससे लोगों में भय और तनाव बना हुआ है। इस विषय को लेकर क्षेत्रवासियों ने पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बिट्टू कर्नाटक को ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से इस कार्य में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि उनके घर जीवन भर की मेहनत और पूंजी से बनाए गए हैं। अब जब उन्हें हटाए जाने की आशंका सामने आई है, तो लोग बेहद असहाय महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो स्थानीय प्रशासन ने कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं, और न ही इस प्रक्रिया को लेकर कोई पारदर्शिता बरती गई है। इससे लोगों के समक्ष अपने भविष्य को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।
ग्राम शैल, जो अल्मोड़ा शहर के समीप स्थित है, वहां के लोग इस बात को लेकर खासे आक्रोशित हैं कि बिना पूर्व सूचना के उनके घरों को चिह्नित किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण जरूरी है, तो इसके लिए बाईपास मार्ग का निर्माण कराया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की स्थिति में बाईपास मार्ग बनाकर समाधान निकाला गया है, जिससे आम जनता को नुकसान नहीं उठाना पड़ा।
ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि केंद्रीय राज्य परिवहन मंत्री बनने के बाद सांसद अजय टम्टा ने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए नियमावली में संशोधन की बात कही थी। उनका आश्वासन था कि पहाड़ों की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाएंगी, लेकिन अब तक इन वादों का कोई असर ज़मीन पर नहीं दिख रहा है।
बिट्टू कर्नाटक ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि वह स्वयं इस मुद्दे को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अजय टम्टा के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वह जनहित के मुद्दों पर हमेशा सक्रिय रहे हैं और इस बार भी जनता के साथ खड़े रहेंगे।
ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि उनकी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचेगी और सरकार उनके घरों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। यह मुद्दा जहां क्षेत्रीय राजनीति में गर्माहट ला रहा है, वहीं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। ज्ञापन देने वालों में कपिल मल्होत्रा पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य , विनोद जोशी, कमल तिवारी, संतोष बिष्ट, सुशील यादव , विनय कुमार पांडेय , धीरज कुमार के साथ हजारों लोग मौजूद रहे ।