अल्मोड़ा, 9 अप्रैल।
सिद्धपुर वार्ड, अल्मोड़ा के निवासियों ने जिला पंचायत की भूमि पर स्थित एकमात्र खुले मैदान को बचाने के लिए उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। उन्होंने इस मैदान को बारात घर में बदलने की योजना का पुरजोर विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह मैदान सिर्फ खेलकूद के लिए नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों — बच्चों, वृद्धजनों और महिलाओं — के लिए स्वास्थ्यवर्धक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। यहाँ योग, प्रातः सैर और अन्य व्यायाम नियमित रूप से होते हैं। क्षेत्रवासियों ने इस मैदान को “फिट इंडिया अभियान” की भावना से मेल खाने वाला स्थल बताते हुए इसकी प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छ वायु को विशेष रूप से उल्लेखनीय बताया।
निवासियों ने चिंता जताई है कि बारात घर के निर्माण से न केवल क्षेत्र की हरियाली और खुली जगह समाप्त हो जाएगी, बल्कि यह परियोजना स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। वर्तमान में यह स्थान विवाह आयोजनों के लिए भी उपयोग में लाया जाता है, जिससे राजस्व प्राप्त होता है और स्वच्छता बनी रहती है। ऐसे में स्थायी बारात घर की आवश्यकता समझ से परे है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यह मैदान कई पीढ़ियों की यादों से जुड़ा हुआ है, और इसका कंक्रीटीकरण करना स्थानीय भावनाओं के साथ अन्याय होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे तत्काल इस योजना को निरस्त करने के निर्देश दें और मैदान को उसके मौलिक स्वरूप में संरक्षित रखने हेतु जिला प्रशासन को आदेशित करें।
सिद्धपुर वार्डवासियों का यह कदम एक बार फिर दिखाता है कि शहरी विकास के नाम पर यदि जन-भावनाओं और पर्यावरण की अनदेखी की जाती है, तो जनता संगठित होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आती है। मैदान बचाने की इस मुहिम को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिलने की संभावना है।
