जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने आज कलेक्ट्रेट में जलापूर्ति से संबंधित अधिशाषी अभियंताओं के साथ बैठक की, जिसमें ग्रीष्मकाल के मद्देनजर पेयजल आपूर्ति की स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत से बचने के लिए पर्याप्त तैयारियां की जाएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। इस दिशा में जल जीवन मिशन के तहत बड़ी योजनाएं लागू की गई हैं, जिन्हें इस प्रकार संचालित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति पेयजल संकट का सामना न करे। उन्होंने विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान देने को कहा जहां नौलों या धारों से जलापूर्ति होती है, क्योंकि गर्मी के कारण ऐसे क्षेत्रों में पानी की अधिक किल्लत होती है।
इन क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया, साथ ही टैंकरों से जलापूर्ति में मितव्ययिता बरतने पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, टैंकरों को रिफिल करने के लिए ऐसे केंद्रों का चयन किया जाए जो संबंधित क्षेत्र के निकट हों ताकि आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधूरी योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और कड़े निर्देश दिए कि इन कार्यों को शीघ्रता से पूरा किया जाए ताकि लोगों को उनका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं सुचारू रूप से चालू हो गई हैं, उनमें ऑपरेटर की तैनाती अनिवार्य रूप से की जाए ताकि सेवा की गुणवत्ता बनी रहे।
अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, अधीक्षण अभियंता जल निगम दीपक मालिक, अधिशाषी अभियंता जल संस्थान अल्मोड़ा नीरज तिवारी, रानीखेत सुरेश ठाकुर, जल निगम ईई अल्मोड़ा अशोक स्वरूप, सिंचाई खंड अल्मोड़ा के अधिशाषी अभियंता मोहन सिंह रावत समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी के इस प्रभावी निर्देशों से ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट से निपटने के लिए ठोस उपायों की अपेक्षा की जा रही है।