नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने पहली बार भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में विभिन्न बैचों में 1 लाख से अधिक बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया।
प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम से बीएलओ का पहला बैच 2 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहा है। इस दौरान, बीएलओ को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत उनके कार्यों और जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें त्रुटि-मुक्त निर्वाचक नामावलियों को अपडेट करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और आईटी अनुप्रयोगों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए देश भर में बीएलओ के नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रशिक्षण के बाद, सुप्रशिक्षित बीएलओ को विधान सभा स्तर पर मास्टर प्रशिक्षक (एएलएमटी) के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जिससे चुनाव कार्यों में दक्षता और सटीकता बढ़ेगी।
कुमार ने यह भी जोर दिया कि राज्य सरकारों को एसडीएम स्तर या समकक्ष अधिकारियों को निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के रूप में नियुक्त करना चाहिए, ताकि बीएलओ की नियुक्ति उन अधिकारियों के द्वारा की जा सके जो स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हों। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात की कि निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट किया जाए, ताकि किसी भी चुनावी प्रक्रिया में कोई त्रुटि न हो।
इस कार्यक्रम में 109 बीएलओ, 24 ईआरओ और 13 डीईओ के साथ राज्य के निर्वाचन अधिकारियों का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, बीएलओ को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण के तहत उनकी भूमिका और जिम्मेदारी की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी बताया कि बीएलओ को उनके कार्यक्षेत्र में नामावलियों के सत्यापन के दौरान निर्वाचकों के साथ विनम्रता से संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि बीएलओ या ईआरओ के खिलाफ किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।