अल्मोड़ा – नगर निगम अल्मोड़ा द्वारा मल्ली बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, जो शहर की स्वच्छता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस प्रकार की कार्रवाई से नगर निगम का उद्देश्य यह दिखाना है कि सार्वजनिक स्थानों को अतिक्रमण मुक्त करना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी तरह के अवैध कब्जे को हटाना आवश्यक है ताकि सड़कें और बाजारें सभी के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित रहें। इस कार्रवाई में मुख्य सफाई निरीक्षक लक्ष्मण सिंह, कर निरीक्षक पवन पांडे, बसंत बल्लभ पांडे, हिमाशु काण्डपाल, रविंद्र कुमार, गिरीश कुमार, कैलाश और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति ने यह साबित किया कि नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर है।
हालांकि, एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है: क्या यह कार्रवाई केवल आम लोगों तक सीमित रहेगी, या इसका दायरा उन बाहुबलियों और प्रभावशाली लोगों तक भी जाएगा जो अक्सर इन नियमों से बाहर रहते हैं? नगर निगम की कार्रवाई की सफलता तब ही मानी जाएगी जब यह केवल आम जनता पर ही नहीं, बल्कि शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों पर भी लागू होगी, जिनके द्वारा अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण किया जाता है।
ऐसा देखा गया है कि कई बार जब अतिक्रमण की कार्रवाई की जाती है, तो यह सिर्फ गरीब या छोटे व्यवसायियों तक सीमित रहती है। बड़े व्यापारियों, राजनेताओं या बाहुबलियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। इस प्रकार की असमान कार्यवाही से निगम की नीयत पर सवाल उठते हैं और यह संदेश जाता है कि केवल कमजोर वर्ग ही नियमों का पालन करे, जबकि शक्तिशाली वर्ग के लिए अलग नियम हैं।
नगर निगम को चाहिए कि वह अपनी कार्रवाइयों में पारदर्शिता बनाए रखे और सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण, चाहे वह किसी भी व्यक्ति द्वारा किया गया हो, उसे हटाने की प्रक्रिया समान रूप से लागू हो। बाहुबलियों और बड़े लोगों को भी कानून के दायरे में लाना बेहद आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अतिक्रमण मुक्त शहर केवल एक नारा न रहकर, वास्तविकता में तब्दील हो सके।
यह कदम नगर निगम के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन अगर निगम कड़ी निगरानी और प्रभावी कार्रवाई करता है, तो यह शहर की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है।