उत्तराखंड के ढेली निवासी दयाकिशन पुत्र तरा दत्त (65) पर आज करीब 1 बजे बाघ ने हमला कर दिया। घटना उस समय घटी जब दयाकिशन और उनकी पत्नी जंगल में झाड़ी काटने गए थे। जैसे ही वे झाड़ियों में काम कर रहे थे, एक बाघ अचानक झाड़ी से निकलकर उन पर हमला कर बैठा। बाघ के हमले से दयाकिशन बुरी तरह से घायल हो गए। हालांकि, उनकी पत्नी के शोर मचाने पर बाघ भयभीत होकर वहां से भाग गया।
इस घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग तुरंत सक्रिय हो गया। वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और पिंजरा लगाने की तैयारी कर दी गई है, ताकि बाघ को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जा सके। मौके पर वन दरोगा देवेंद्र प्रसाद, वन बीट अधिकारी दीप बिनवाल और रेंजर मोहन राम आर्या की टीम तैनात है, जो स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और आगे की कार्यवाही कर रहे हैं।
वन विभाग ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए बाघ के स्थान का पता लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। रेंजर मोहन राम आर्या ने बताया कि वे बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही पिंजरा लगाकर उसे पकड़ने की योजना बनाई गई है। इस घटना के बाद इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की और अप्रिय घटना से बचाया जा सके।
दयाकिशन को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल भेजा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। वन विभाग ने क्षेत्रीय लोगों से सतर्क रहने और बाघ के बारे में किसी भी जानकारी के लिए विभाग से संपर्क करने की अपील की है।