अल्मोड़ा जिले के काफलीगैर निवासी एक व्यक्ति की इलाज के दौरान आज प्रातः अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में मृत्यु हो गई। मृतक की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर थी, और उनके पास शव को घर तक ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। मृतक के साथ केवल उनकी पुत्री ही थी, जो इस कठिन परिस्थिति में अकेली थी। इस घटनाक्रम को लेकर एक बड़ा सवाल उठता है कि जब कोई गरीब और असहाय व्यक्ति अपनी अंतिम यात्रा पर निकलता है, तो उसे शव ले जाने के लिए उचित संसाधन क्यों नहीं मिल पाते।
यह घटना उस समय और भी दिलचस्प हो जाती है जब यह जानकारी भाजपा नगर अध्यक्ष अमित साह मोनू तक पहुंची। उन्होंने तुरंत मेडिकल कालेज का रुख किया और मुख्य चिकित्साधिकारी से सामंजस्य स्थापित कर शव को मृतक के घर काफलीगैर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराने का प्रयास किया। लेकिन जब यह पता चला कि मेडिकल कालेज में एम्बुलेंस की उपलब्धता नहीं थी, तो नगर अध्यक्ष ने अपनी ओर से प्रयास करते हुए एक निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दी, ताकि शव को काफलीगैर भेजा जा सके।
इस दौरान, भाजपा नगर अध्यक्ष ने मेडिकल कालेज के अधिकारियों से शिकायत की और यह सूचना देहरादून स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाई। अमित साह मोनू ने इस पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम्बुलेंस की उपलब्धता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद, स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक सरकारी एम्बुलेंस मेडिकल कालेज भेजी, जिससे मृतक का शव काफलीगैर उनके घर भेजा जा सका।
इस घटना में एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज और बेस चिकित्सालय में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए। यदि किसी गरीब व्यक्ति की मृत्यु होती है और उनके पास शव को घर ले जाने के लिए साधन नहीं होते, तो उनके लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि यदि किसी के पास आर्थिक संसाधन नहीं हैं, तो उसे शव को उसके घर ले जाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
भाजपा नगर अध्यक्ष अमित साह मोनू ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में किसी गरीब के साथ ऐसी घटना न हो और मेडिकल कालेज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के शव उनके घर तक भेजने के लिए एक स्थायी व्यवस्था हो।
इस दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष कैलाश गुरुरानी और नगर महामंत्री अर्जुन बिष्ट भी मौजूद थे और उन्होंने नगर अध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की। यह घटना यह भी दर्शाती है कि जब लोग किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं, तो उनके लिए जिम्मेदार नागरिक और नेता ही सबसे बड़ा सहारा बन सकते हैं।
अंततः, यह घटना केवल एक दुखद उदाहरण नहीं है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे राजनीतिक नेता और नागरिक अपने प्रयासों से तत्काल समस्या का समाधान कर सकते हैं। भाजपा नगर अध्यक्ष अमित साह मोनू के प्रयासों से मृतक के शव को उसके घर भेजने का रास्ता खुला, और इसने यह संदेश दिया कि समाज में ऐसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी गरीब और असहाय व्यक्ति को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।