Almora – जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने सिंचाई, लघु सिंचाई एवं लघु डाल विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में विभिन्न खंडों के चल रहे कार्यों, विभागीय गतिविधियों और अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली गई।
जलापूर्ति में बाधा और स्थायी समाधान
जिलाधिकारी ने सिंचाई खंड अल्मोड़ा की समीक्षा करते हुए कोसी बैराज में जलापूर्ति में आ रही बाधाओं का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के दौरान बैराज में सिल्ट जमा होने के कारण नगर अल्मोड़ा की जलापूर्ति प्रभावित होती है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए उन्होंने अधिशासी अभियंता सिंचाई अल्मोड़ा को प्रभावी योजना बनाने के निर्देश दिए।
“सिल्ट के कारण जलापूर्ति में रुकावट न आए, इसके लिए ठोस और प्रभावी योजना तैयार करें,” उन्होंने कहा। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
ड्रेनेज योजना और गुणवत्ता पर ध्यान
बैठक में जिलाधिकारी ने नगर अल्मोड़ा के ड्रेनेज प्लान के अंतर्गत चल रहे कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि चल रहे कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण होने चाहिए। उन्होंने कहा, “इस दिशा में की जा रही सभी गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जानी चाहिए।”
चैक डैम और मनरेगा का उपयोग
जिलाधिकारी ने नदियों में चैक डैम बनाने की योजनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी संभव हो, चैक डैम बनाकर जल संरक्षण और सिंचाई के लिए संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए। इसके लिए मनरेगा के माध्यम से भी कार्य किए जाने की बात कही गई, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न हो सके।
उन्होंने कहा, “ऐसी योजनाएं न केवल सिंचाई को बढ़ावा देंगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देने में सहायक होंगी।”
पाइपलाइन और मरम्मत कार्य
सिंचाई के लिए जो भी गुल या पाइप लाइन बनाई जाती है, उसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी भारी बारिश के कारण पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है, उसकी मरम्मत शीघ्र की जाए। “जलापूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए,” उन्होंने कहा।
किसानों के लिए पानी की उपलब्धता
जिलाधिकारी ने किसानों की फसलों में पानी लगाने के समय पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा, “जब भी फसलों में पानी की आवश्यकता होती है, विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों के खेतों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो।”
पर्यटन को बढ़ावा देने के उपाय
बैठक में, जिलाधिकारी ने नदियों में झीलों के निर्माण की संभावनाओं की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “नदियों में ऐसी संभावनाओं की तलाश करें जहां अच्छी झीलें बनाई जा सकें। यह न केवल जल क्रीड़ाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यटन को भी विकसित करेगा।”
उपस्थित अधिकारी
बैठक में ईई सिंचाई खंड अल्मोड़ा मोहन सिंह रावत, रानीखेत एलएम कुड़ियाल, लघु डाल की अधिशाषी अभियंता रितिका पाल, और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने जिलाधिकारी के निर्देशों पर सहमति जताते हुए योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की यह बैठक न केवल सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें जल संरक्षण, गुणवत्ता, और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी जोर दिया गया है। उनके निर्देशों के अनुसार, आने वाले समय में अल्मोड़ा में जलापूर्ति और सिंचाई व्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिलेगा, जो स्थानीय समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस प्रकार की सक्रियता और योजनाओं का कार्यान्वयन स्थानीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।