Almora – वाल्मीकि प्रकट दिवस का आयोजन हाल ही में भव्य तरीके से मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम की वशिष्ठ तिथि के रूप में विधायक मनोज तिवारी और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा रहे। संचालन का कार्य नगर वाल्मीकि पंचायत के सचिव राजपाल पवार ने किया।
इस समारोह का मुख्य आकर्षण शोभा यात्रा थी, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस शोभा यात्रा में दीपक चंदेल, कमल चौहान, रमेश पर्चा, हरिप्रसाद, राजेंद्र बाल्मीकि, सुरेश परदेसी, राजेश खत्री, रामदास, गिरीश वाल्मीकि, मनोज पवार, प्रेम प्रकाश, टैक्सी यूनियन महासचिव नीरज पवार सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम ने वाल्मीकि समाज के एकजुटता और समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का आयोजन
शोभा यात्रा का शुभारंभ अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, और ए के सिकंदर पवार द्वारा संयुक्त रूप से रिबन काटकर किया गया। यह यात्रा वाल्मीकि समाज की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम थी।
केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने अपने वक्तव्य में कहा कि “हम हमेशा वाल्मीकि समाज के साथ हैं। उनके सुख-दुख में हर संभव सहयोग प्रदान करने का संकल्प लेते हैं।” इसी तरह, कैलाश शर्मा ने भी अपने विचार साझा करते हुए समाज के उत्थान के लिए सरकार की नीतियों का समर्थन किया।
सामाजिक समर्पण और एकता
इस आयोजन ने वाल्मीकि समाज के लोगों को एक मंच पर लाने का काम किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने एकजुटता का परिचय दिया और समाज के उत्थान के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। इस तरह के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है कि हम सभी को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।
समाज का योगदान
शोभा यात्रा के दौरान समाज के कई वरिष्ठ सदस्य भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए और नवयुवकों को प्रेरित किया। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल संस्कृति को संरक्षित करने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में एकता और सहयोग को बढ़ावा भी देते हैं।
वाल्मीकि प्रकट दिवस का यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज के एकीकरण का प्रतीक भी है। इस प्रकार के आयोजनों से लोगों में जागरूकता फैलती है और वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग होते हैं।
कुल मिलाकर, यह समारोह वाल्मीकि समाज के लिए गर्व का विषय रहा, जिसने उन्हें एक नई दिशा और प्रेरणा दी। आगे भी ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है, ताकि समाज में सहयोग, समर्पण और एकता को बढ़ावा मिल सके।