अल्मोड़ा: उत्तराखंड विज्ञान एवं तकनीकी परिषद (यूकॉस्ट) के निदेशक प्रो. दुर्गेश पंत सोमवार को अल्मोड़ा स्थित मानसखंड विज्ञान केंद्र पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य में विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए चल रही विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी।
प्रो. पंत ने कहा कि अल्मोड़ा में मानसखंड विज्ञान केंद्र की स्थापना जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि इस केंद्र की स्थापना के मात्र एक वर्ष में ही लगभग 16,000 विजिटर्स ने इसका दौरा किया है, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।
प्रो. पंत ने यह भी बताया कि उत्तराखंड में देश की पांचवीं साइंस सिटी देहरादून में निर्माणाधीन है, जो 2026 तक पूरी हो जाएगी। इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, राज्य में देहरादून और अल्मोड़ा के बाद चंपावत में तीसरा विज्ञान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में विज्ञान केंद्रों की स्थापना पर कार्य चल रहा है। वर्तमान में, प्रदेश के नौ जिलों में विज्ञान सीखने के लिए विशेष केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। इसके तहत STEM शिक्षा प्रणाली (करके सीखने की प्रवृत्ति) को बढ़ावा देने के लिए 78 ब्लॉकों में विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
विज्ञान केंद्रों के अलावा, राज्य के 30 स्थानों पर पेटेंट केंद्र भी बनाए गए हैं, जिससे नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जा सके। अल्मोड़ा में जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो तकनीकी विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रो. पंत ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इसरो के सहयोग से गवर्नेस के लिए एक मॉडल विकसित किया जा रहा है, जिससे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रो. पंत ने घोषणा की कि राज्य सरकार 28 से 30 नवंबर तक सीमांत जिलों में सीमांत विज्ञान महोत्सव आयोजित करेगी। इसके साथ ही, लोकल टू ग्लोबल के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें कम से कम 100 देशों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
पत्रकार वार्ता में मानसखंड विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. नवीन चंद्र जोशी, डॉ. एसएस सामंत और अन्य वैज्ञानिक एवं अधिकारी भी उपस्थित रहे।