अल्मोड़ा में विकास भवन सभागार में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना-रीप/ग्रामोत्थान द्वारा एक दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी ने की। इस कार्यशाला में 09 विकासखंडों में गठित 18 एलसी/सीएलएफ के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसी गतिविधियों को चुना जाए, जो महिलाओं के विकास में योगदान कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद की सहकारिताओं को इस स्तर पर लाने की आवश्यकता है कि वे न केवल राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बन सकें।
परियोजना अधिकारी राजेश मठपाल ने बताया कि यह परियोजना उत्तराखंड के सभी जनपदों में क्रियान्वित की जा रही है और 11 विकासखंडों में इसके तहत गतिविधियाँ चल रही हैं। एनआरएलएम के माध्यम से विभिन्न विकासखंडों में 18 एलसी/सीएलएफ को रीप द्वारा अंगीकृत कर परियोजना के कार्यों का संचालन किया जा रहा है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विभिन्न क्षेत्रों, जैसे पशुपालन (गौ पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन), पशुचिकित्सा, कृषि (परंपरागत कृषि, मशरूम उत्पाद, मसाला उत्पादन, मडुवा उत्पादन, बीज, खाद और कीटनाशक) आदि से संबंधित जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही कार्मिकों को बताया गया कि जनपद के विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए एक ठोस योजना बनाई जाए।
कार्यशाला में लगभग 75 लोग उपस्थित रहे, जिसमें जिला विकास अधिकारी एसके पंत, उप परियोजना निदेशक, जिला परियोजना प्रबंधक रीप/ग्रामोत्थान, सहायक प्रबंधक लेखा और अन्य जिला मुख्यालय कर्मचारी शामिल थे। इस दौरान उपस्थित कार्मिकों ने स्थानीय स्तर पर पलायन के कारणों को भी साझा किया, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जंगली जानवर, रोजगार की कमी और प्राकृतिक समस्याएँ शामिल थीं।