अल्मोड़ा में पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक के कार्यालय में रिद्धिम म्यूजिक क्लास के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित रंगारंग कार्यक्रम ने सभी उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। इस आयोजन में नन्हे कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन किया, जिसमें कुमाऊनी लोक कला के विभिन्न रंगों की झलक देखने को मिली।
लोक कला और संस्कृति का जादू
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कुमाऊनी लोक कला एवं संस्कृति पर आधारित नाट्य, गीत, और नृत्य की प्रस्तुतियाँ थीं। बच्चों ने अपने छोटे-छोटे कदमों से मंच पर न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने दर्शकों को अपनी कला के माध्यम से भारतीय लोक संस्कृति की समृद्धि का अहसास कराया।
यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह कुमाऊनी संस्कृति के प्रति बच्चों के प्रेम और सम्मान का भी प्रतीक था। नन्हे कलाकारों ने जिस आत्मविश्वास के साथ मंच पर प्रस्तुति दी, वह उनके शिक्षकों और अभिभावकों के निरंतर प्रोत्साहन का परिणाम था।
बिट्टू कर्नाटक की सराहना
पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने इस अवसर पर विद्यार्थियों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा, “आज जो नन्हे मुन्ने कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, वे भविष्य में लोक कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।” उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत और लगन से वे अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।
कर्नाटक ने बच्चों के अभिभावकों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपने बच्चों को कला के प्रति उत्साहित किया और उनकी प्रतिभा को विकसित करने में मदद की। उन्होंने बताया कि बच्चों की मेहनत और अभिभावकों का समर्थन ही उन्हें भविष्य में सफल बनाएगा।
पुरस्कार वितरण समारोह
कार्यक्रम के अंत में, श्री कर्नाटक ने सभी नन्हे कलाकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पुरस्कार वितरण समारोह ने बच्चों के चेहरे पर खुशी और उत्साह की लहर दौड़ा दी। यह सम्मान केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं था, बल्कि यह उनके भविष्य के प्रति एक सकारात्मक संकेत भी था।
उपस्थित कलाकारों की लिस्ट
इस आयोजन में प्रतिभाग करने वाले नन्हे कलाकारों में गर्वित पांडे, काव्यांश कांडपाल, ललित, यथार्थ, गौरव कांडपाल, गौरव जोशी, अंशुमन बाराकोटी, आराध्या जोशी, तेजस सती, अरांश, मनस्वी रावत, मनस्वी कांडपाल, नवनीत रावत, गर्वित सती, दक्ष अधिकारी, वरदान चुपडाल, कृतार्थ चुपडाल, देवांश पेटसाली, और दक्ष मिश्रा जैसे कई नाम शामिल थे।
इन सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति में उत्कृष्टता का परिचय दिया और दर्शकों से भरपूर सराहना प्राप्त की। उनकी ऊर्जा और उत्साह ने पूरे कार्यक्रम में एक खास रंग भरा।
शिक्षिकाओं का योगदान
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षिकाओं ने बच्चों की तैयारी और प्रस्तुति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऋतु जोशी, जिन्होंने बच्चों को प्रशिक्षण दिया, ने बताया कि यह उनका सपना था कि बच्चे अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाएं और अपनी कला का प्रदर्शन करें। अन्य शिक्षिकाओं ने भी बच्चों के प्रदर्शन की सराहना की और बताया कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल बच्चों की प्रतिभा को निखारते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी प्रदान करते हैं।
माता-पिता की भूमिका
कार्यक्रम में बच्चों के माता-पिता भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। उन्होंने अपने बच्चों के प्रदर्शन को देखने के लिए उत्सुकता और गर्व के साथ कार्यक्रम का समर्थन किया। माता-पिता की उपस्थिति ने बच्चों को और भी अधिक प्रेरित किया। उनके लिए यह न केवल एक अवसर था, बल्कि अपने बच्चों की मेहनत और सफलता को देखकर गर्वित होने का भी पल था।
सांस्कृतिक महोत्सव का महत्व
यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह कुमाऊनी संस्कृति को जीवित रखने और उसे भविष्य की पीढ़ियों के बीच संचारित करने का एक प्रयास था। बच्चों ने यह साबित कर दिया कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
रिद्धिम म्यूजिक क्लास के इस रंगारंग कार्यक्रम ने अल्मोड़ा के सांस्कृतिक जीवन में एक नई चमक भरी। नन्हे कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, और पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने उनकी मेहनत को सराहा।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि हमारे युवा कलाकार न केवल वर्तमान को जीवंत करते हैं, बल्कि भविष्य में लोक कला और संस्कृति को संजोए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस दिशा में आगे बढ़ते रहना न केवल बच्चों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है।
इस प्रकार, रिद्धिम म्यूजिक क्लास का रंगारंग कार्यक्रम एक सफल और प्रेरणादायक आयोजन रहा, जो सभी के दिलों में अपनी छाप छोड़ गया।