Almora -धारानौला में राम राज्याभिषेक के साथ भव्य रामलीला मंचन का समापन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन धारा नौल्ला रामलीला समिति द्वारा किया गया, जिसमें पूर्व दर्जा राज्य मंत्री केवल सती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यह आयोजन पूरे क्षेत्र में सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने और रामायण की महानता को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें समिति के सदस्यों के साथ ही मुख्य अतिथि केवल सती ने भी भाग लिया। दीप जोशी, भूपाल मनराल, दीपक गुर्राणी, ऋतिक पांडे, कमल तिवारी, राजेंद्र पांडे, कुलोमनी पांडे, हर्ष वर्धन कर्नाटक, रमेश मेर, उमा शंकर और अमित भट्ट जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने भी इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी की।
रामलीला मंचन में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और रावण के पात्रों ने अद्भुत अभिनय किया। दर्शकों ने विभिन्न दृश्यों में भारतीय संस्कृति, नैतिकता और आदर्शों का प्रदर्शन देखा। मंच पर राम राज्याभिषेक का दृश्य अत्यंत आकर्षक और भावनात्मक था, जिसने उपस्थित सभी लोगों को भक्ति और श्रद्धा से भर दिया।
संचालन की जिम्मेदारी पंकज भगत और ऋतिक पांडे ने संभाली। उनके प्रभावशाली संचालन ने कार्यक्रम को और भी आकर्षक बनाया। उन्होंने न केवल कार्यक्रम की प्रगति को सुचारू रूप से चलाया, बल्कि दर्शकों को भी लगातार जोड़े रखा।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि केवल सती ने अपने संबोधन में इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हैं। उन्होंने समिति की सराहना की और इस प्रकार के आयोजनों को आगे बढ़ाने के लिए सभी को प्रेरित किया।
आयोजन के दौरान, दर्शकों की भीड़ ने उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने रामलीला का आनंद लिया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी अपनी भागीदारी दिखाई और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
रामलीला मंचन के अंत में, समिति ने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया। यह सुनिश्चित किया गया कि इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी होते रहें ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखा जा सके।
समापन समारोह के बाद, उपस्थित सभी व्यक्तियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर रामायण के संदेश को फैलाने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का स्रोत था, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक भी बना।
धारानौला में यह कार्यक्रम सच में एक सफल प्रयास था, जिसने सभी को एकजुट किया और रामायण की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का काम किया। अंततः, राम राज्याभिषेक और रामलीला के इस आयोजन ने सभी को प्रेरित किया कि वे अपने जीवन में राम के आदर्शों को अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी ने यह महसूस किया कि रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं का मार्गदर्शक है। इसके संदेशों को समझना और अपने जीवन में उतारना आवश्यक है।
इस प्रकार, धारानौला में रामलीला मंचन का यह समापन कार्यक्रम न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाला भी था, जो हर किसी को अपने जीवन में राम के आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
धारानौला में हुआ रामलीला का समापन ,सती रहे मुख्य अतिथि
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