अल्मोड़ा जिले में जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह गैलाकोटी प्रधान संगठन द्वारा एक ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा गया, जिसमें एक गंभीर धोखाधड़ी के प्रयास की जांच की मांग की गई। ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत दुगालखोला की पूर्व प्रधान की फर्जी मोहर का इस्तेमाल कर ऋण लेने का प्रयास किया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि ग्राम पंचायत दुगालखोला से पूर्व प्रधान की गलत व फर्जी मोहर का इस्तेमाल कर दो व्यक्तियों, बहादुर नेगी (पुत्र बिशन सिंह) और दिनेश नेगी (पुत्र चन्दन सिंह) ने एसबीआई लाला बाजार ब्रांच अल्मोड़ा में एक नक्शा जमा किया। इस नक्शे में एनएलएम योजना के तहत प्रॉपर्टी मोर्टगेज से संबंधित दस्तावेज में फर्जी मोहर पाई गई। इसके बाद बैंक ने इस मामले की जांच की और पाया कि दिनेश नेगी और बहादुर नेगी द्वारा इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन प्राप्त करने की कोशिश की गई थी।
यह मामला न केवल वित्तीय धोखाधड़ी को उजागर करता है, बल्कि यह प्रशासन और ग्राम प्रधान संगठन की ओर से निहित जवाबदेही की भी आवश्यकता को दर्शाता है। ज्ञापन में जिलाध्यक्ष प्रधान संगठन के सभी प्रमुख सदस्य, जिनमें पल्लवी ग्राम प्रधान सयाली, देव सिंह भोजक ज्योली प्रशासक, किरन बिष्ट निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य, मुकेश कुमार गर घूंट प्रशासक, गोपाल तिवारी डोबा प्रशासक, नीलम देवी बलटा प्रशासक, और अन्य ग्राम प्रधान एवं प्रशासनिक सदस्य शामिल थे, ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ गहरी चिंता व्यक्त की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस मामले की उचित जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी रोकी जा सके। जिलाध्यक्ष प्रधान संगठन ने जिला अधिकारी से अनुरोध किया कि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए, ताकि समाज में प्रशासनिक विश्वास बना रहे और लोगों में न्याय का भरोसा हो।
इस ज्ञापन के माध्यम से प्रधान संगठन ने यह भी सुनिश्चित किया कि समाज में इस प्रकार की घटनाओं को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए और ऐसे अपराधों के खिलाफ सभी ग्राम प्रधान और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क किया जाए।
