अल्मोड़ा: विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. रमेश सिंह पाल को उनकी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक “मृत्यु से मुक्ति तक” के लिए कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से सम्बद्ध भारतीय साहित्य और कला सोसाइटी, बंगलूरू द्वारा प्रतिष्ठित भारतीय साहित्य पुरस्कार, 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार डॉ. पाल को उनकी साहित्यिक और आध्यात्मिक दृष्टि से किए गए योगदान के लिए प्रदान किया गया।
डॉ. पाल की पुस्तक “मृत्यु से मुक्ति तक” श्रीमद भागवत महापुराण के प्रसंगों को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जिसे दिसंबर 2024 में प्रकाशित किया गया था। इस पुस्तक में उन्होंने पुरानी धार्मिक कथाओं को आधुनिक समय में प्रासंगिक बनाने की कोशिश की है, जो पाठकों को जीवन और मृत्यु के गहरे अर्थों को समझने में मदद करती है।
अल्मोड़ा निवासी डॉ. रमेश सिंह पाल, जो कृषि अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ आध्यात्मिक साहित्य जगत में भी सक्रिय हैं, उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, संसद पुस्तकालय और प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों के पुस्तकालयों में शामिल किया जा चुका है।
डॉ. पाल ने इस सम्मान के लिए अपने सभी पाठकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार उन्हें अपने लेखन के प्रति प्रेरित करता है। उनकी इस उपलब्धि पर नगर महापौर श्री अजय वर्मा, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के कर्मचारियों और साहित्य जगत से जुड़े व्यक्तियों ने खुशी व्यक्त की है।
