अल्मोड़ा के जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के विद्यालयों में पेयजल, शौचालय और विद्युत संयोजन की स्थिति पर चर्चा की गई। यह बैठक जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान, जिलाधिकारी पाण्डेय ने मुख्य शिक्षाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि उन विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए, जहां पेयजल, शौचालय और विद्युत संयोजन की सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
जल निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए कि सभी विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन विद्यालयों में पेयजल की सुविधा नहीं है, वहां शीघ्रता से जल उपलब्ध कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया की प्रगति की जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय को नियमित रूप से दी जाए, ताकि किसी भी प्रकार की देरी को तुरंत सुधारा जा सके।
इसके साथ ही, पाण्डेय ने ध्यान दिलाया कि जिन विद्यालयों के शौचालय क्षतिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत का कार्य जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस विषय में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता से सीधा जुड़ा हुआ है।
बैठक में जल संस्थान, पेयजल निगम, जल निगम, विद्युत और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे आपस में समन्वय स्थापित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा, ताकि जनपद के सभी विद्यालयों में पेयजल, शौचालय और विद्युत संयोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो सके।
अधिकारीयों को यह भी बताया गया कि यदि किसी विद्यालय के पेयजल लाईन को किसी व्यक्ति द्वारा क्षतिग्रस्त किया जाता है, तो उस व्यक्ति के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि विद्यालयों में संसाधनों की सुरक्षा बनी रहे और बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने जिलाधिकारी के निर्देशों का स्वागत किया और कार्यों की प्रगति के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया। सभी अधिकारियों ने मिलकर योजना बनाई कि वे विद्यालयों के स्थिति का त्वरित अध्ययन करेंगे और आवश्यक सुधार कार्यों को प्राथमिकता देंगे।
इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जनपद के सभी विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो, जिससे विद्यार्थियों का समुचित विकास संभव हो सके। जिलाधिकारी की इस पहल ने सभी अधिकारियों को सक्रिय किया है और उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प लिया है।
अंत में, जिलाधिकारी पाण्डेय ने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे इस कार्य में अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और जनपद के विद्यालयों में सुविधाओं को बेहतर बनाने में सहयोग करें। उन्होंने इस बैठक को एक सकारात्मक शुरुआत मानते हुए कहा कि हमें मिलकर काम करना है ताकि हमारे बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
इस प्रकार, बैठक का उद्देश्य स्पष्ट था—विद्यालयों में आवश्यक सुविधाओं की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करना, जिससे कि बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होंगे।