मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए लापता 04 श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर खोज और बचाव अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने 03 मार्च से मौसम के खराब होने की चेतावनी के मद्देनजर रविवार तक श्रमिकों को हर हाल में ट्रेस करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू किए गए 46 सुरक्षित श्रमिकों के उपचार की समुचित व्यवस्था करने और उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री ने यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर रेस्क्यू अभियान की विस्तृत समीक्षा की और जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा 03 मार्च से दोबारा खराब मौसम की चेतावनी जारी की गई है, इसलिये लापता श्रमिकों की तलाश के लिए रविवार को हर संभव प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने मृतक श्रमिकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद शीघ्र उनके घर भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, उन्होंने घायल श्रमिकों और मृतक श्रमिकों के परिवारों को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रावधानों के तहत उचित मुआवजा देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव दलों की सराहना करते हुए बताया कि 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है और लगभग 200 लोग लापता श्रमिकों की खोजबीन में जुटे हैं। आपदा प्रबंधन के तहत सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग और खाद्य विभाग की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने एडवाइजरी जारी की है, जिसके तहत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काम कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण विद्युत और संचार व्यवस्था बाधित है, वहां इन सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है। पांच ब्लाकों में विद्युत व्यवस्था को बहाल किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। GPR (Ground Penetrating Radar) और थर्मल-इमेजिंग कैमरा जैसे उपकरणों के जरिए व्यापक स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, एसडीआरएफ और यूएसडीएमए द्वारा भी थर्मल कैमरा और विक्टिम लोकेटिंग कैमरा का उपयोग कर लापता श्रमिकों की खोज की जा रही है।
46 सुरक्षित श्रमिक ज्योतिर्मठ लाए गए
अब तक सभी 50 श्रमिकों (46 सुरक्षित और 04 मृतक) को ज्योतिर्मठ लाया जा चुका है। मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम हो रहा है, जिसके बाद उनके शवों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं।
आधुनिक उपकरणों से की जा रही खोज
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। 02 मार्च 2025 को GPR (Ground Penetrating Radar) को घटनास्थल पर भेजा गया था, जिसे MI-17 हैलीकॉप्टर से घटनास्थल पर भेजा गया। इसके अतिरिक्त, एनडीआरएफ द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एसडीआरएफ और यूएसडीएमए द्वारा भी अपने उपकरणों का उपयोग कर लापता श्रमिकों की खोज की जा रही है।