अल्मोड़ा -लोक कलाकार महासंगठन के अध्यक्ष गोपाल सिंह चम्याल ने उत्तराखंड के सांस्कृतिक लोक दलों और लोक गायकों की लंबित भुगतान को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि संस्कृति निदेशालय, देहरादून द्वारा लंबे समय से इन कलाकारों और दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब कलाकारों को त्योहारों के दौरान भी मुश्किल से अपना खर्च चलाना पड़ता है, और कई कलाकारों को बैंक से लोन लेकर कार्यक्रमों का आयोजन करना पड़ता है।
चम्याल ने यह भी कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों की कोई सुध नहीं ली जा रही, ना ही उनकी मानदेय में कोई वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात को भी उठाया कि संस्कृति विभाग के पास कलाकारों के लिए कोई रोजगार नीति नहीं है और कोई उचित सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। कई बार तो पेमेंट के लिए दो-दो साल तक इंतजार करना पड़ता है।
चम्याल ने चेतावनी दी कि यदि 31 मार्च 2025 तक इन सभी बिलों का भुगतान नहीं किया जाता, तो 2 अप्रैल 2025 को संस्कृति निदेशालय, देहरादून में आमरण अनशन किया जाएगा। इस स्थिति की संपूर्ण जिम्मेदारी संस्कृति विभाग के उच्च अधिकारियों और शासन-प्रशासन की होगी।