अल्मोड़ा – अल्मोड़ा आगमन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भाजपा नेता त्रिलोचन जोशी ने एक सुझाव पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अल्मोड़ा और पर्वतीय जनमानस की वर्तमान समस्याओं के समाधान हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य के विकास और उसकी समस्याओं के प्रति अपनी चिंता और सुझाव व्यक्त किए।
सुझाव पत्र में त्रिलोचन जोशी ने पहले बिंदु के रूप में अल्मोड़ा-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित क्वारब क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की समस्या को उठाया। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीने से यह क्षेत्र डेंजर जोन बन गया है, जिससे सड़क मार्ग बंद होता रहता है और इससे व्यापार, पर्यटन, और जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस समस्या का स्थाई समाधान जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया, ताकि अल्मोड़ा और बागेश्वर की जनता को राहत मिल सके।
दूसरे सुझाव में, उन्होंने कैंची धाम में बढ़ते पर्यटकों की संख्या और वाहनों के कारण लगने वाले जाम की समस्या को उठाया। यह जाम न केवल पर्यटकों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है, बल्कि एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। जोशी ने मुख्यमंत्री से इस समस्या का समाधान करते हुए कैंची धाम के पास बायपास सड़क का निर्माण करने की अपील की, ताकि पर्यटन सीजन में यात्रियों को राहत मिल सके।
तीसरे बिंदु में, जोशी ने अल्मोड़ा महानगर क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और नए नगर निगम क्षेत्र को विशिष्ट पहचान देने के लिए रोपवे मार्ग का सुझाव दिया। उनका मानना है कि मल्ला महल से कसारदेवी, स्याहीदेवी और बानड़ीदेवी मंदिरों को जोड़ने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और क्षेत्र का विकास होगा।
चौथे बिंदु में, जोशी ने कटखने बंदरों की बढ़ती समस्या का समाधान ढूंढ़ने का सुझाव दिया। बंदरों के आतंक से महिलाओं, बच्चों और व्यापारियों की रोजाना समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने वन विभाग से मिलकर एक कार्ययोजना बनाने की अपील की, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।
अंतिम बिंदु में, उन्होंने जंगली और हिंसक जानवरों के प्रभाव के कारण पशुपालन और कृषि में हो रही कमी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सुझाव दिया कि सियारों की प्रजाति का संरक्षण करते हुए, उनकी वैज्ञानिक प्रजनन के लिए एक टीम गठित की जाए, ताकि मानव-जीव संघर्ष को रोका जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों को राहत मिल सके।
इस पत्र के माध्यम से त्रिलोचन जोशी ने मुख्यमंत्री से उपरोक्त समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र कार्रवाई की अपील की, ताकि उत्तराखंड राज्य में विकास और खुशहाली की नई दिशा बनाई जा सके।