अल्मोड़ा नगर निगम के महापौर अजय वर्मा को एक गंभीर मुद्दे का सामना करना पड़ रहा है, जब उनके ही निगम के पार्षदों ने एक पत्र के माध्यम से स्वामी विवेकानंद द्वार के पास स्थित देशी शराब की दुकान को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की। यह कदम महापौर और नगर निगम प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि इस मुद्दे ने नगर निगम के भीतर की राजनीति को भी प्रभावित किया है।
पार्षदों द्वारा दिया गया पत्र एक गंभीर आरोप पर आधारित था। पत्र में कहा गया है कि स्वामी विवेकानंद द्वार, जो अल्मोड़ा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, उसकी गरिमा को इस शराब की दुकान के कारण ठेस पहुंच रही है। स्वामी विवेकानंद जी की आध्यात्मिक यात्रा का यह स्थल न केवल नगर की पहचान है, बल्कि यह देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। ऐसे में, इस प्रतिष्ठित स्थान के समीप शराब की दुकान का होना नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के लिए एक शर्मिंदगी का कारण बन गया है।
पत्र में पार्षदों ने उल्लेख किया कि अल्मोड़ा, जिसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, में इस प्रकार की दुकान का होना नगर की छवि को धूमिल कर रहा है। विशेष रूप से, जब युवा वर्ग इस नगर में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक समृद्धि को तलाशने आता है, तो शराब की दुकान की उपस्थिति न केवल उनके अनुभव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है, बल्कि यह गलत आदतों को भी बढ़ावा देती है। यह समाज और संस्कृति के लिए हानिकारक है और अल्मोड़ा की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करता है।
पार्षदों ने पत्र में यह भी बताया कि इस शराब की दुकान का यहां होना अल्मोड़ा के युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, और यह गलत आदतों को बढ़ावा दे रहा है। पार्षदों ने नगर के जागरूक नागरिकों की ओर से महापौर से आग्रह किया कि इस शराब की दुकान को तत्काल इस स्थान से हटाया जाए और इसे अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। उनका कहना था कि यह कदम न केवल अल्मोड़ा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गरिमा को बचाने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे युवाओं और समाज के भविष्य के लिए भी अनिवार्य है।
पत्र में पार्षदों द्वारा इस मामले में कई नाम शामिल थे, जिनमें वैभव पांडे, वंदना वर्मा, अंजू बिष्ट, नवीन आर्य, जानकी पांडे, पूनम त्रिपाठी, मीरा मिश्रा, आशा बिष्ट, एकता वर्मा, राधा मटियानी, श्याम पांडे, तुलसी देवी, नेहा टम्टा, पूनम वर्मा, गुंजन चम्याल, दीप चंद्र जोशी, हेम चंद्र तिवारी, कमला कोरोला, अनूप भारती, दीपक कुमार, मुकेश कुमार डैनी, विकास कुमार आर्या, कुलदीप सिंह मेर, इंटेजाम आलम कुरैशी, रीना टम्टा, प्रदीप आर्या, गीता बिष्ट, चंचल दुर्गापुर, मधु बिष्ट और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। इन सभी ने मिलकर महापौर से अपील की कि वे इस मामले में उचित कार्रवाई करें और शराब की दुकान को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
यह पत्र न केवल महापौर के लिए एक चुनौती है, बल्कि नगर निगम प्रशासन के लिए भी एक अहम मुद्दा बन गया है, जिसे जल्द हल करना आवश्यक होगा। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई नगर के सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल को प्रभावित करेगी, और यह देखने की बात होगी कि महापौर और नगर निगम इस चुनौती का सामना किस प्रकार करते हैं।