अल्मोड़ा – होली महोत्सव के द्वितीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अल्मोड़ा जिले की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का सराहनीय प्रयास किया गया। इस आयोजन में पुरुषों द्वारा खड़ी और बैठी होली का प्रदर्शन किया गया, जिसमें विभिन्न स्थानों जैसे गोलना करड़िया, धारानौला, तल्ला दन्या, न्यू कॉलोनी, और सालम समिति ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य होली गायन की पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित करना था, जो आजकल युवा पीढ़ी में कम होती जा रही हैं।
विवेकानंद हिमालयी विकास केंद्र के संयोजक दीपक पांडे ने बताया कि अल्मोड़ा की खड़ी और बैठी होली गायन परंपराएं विलुप्त होने के कगार पर हैं, और यह कार्यक्रम एक प्रयास था, ताकि इन परंपराओं को बचाया जा सके। कार्यक्रम का समापन चीनाखान के होलियारों द्वारा होली गायन, झोड़ा और चांचरी की प्रस्तुति से हुआ।
इस अवसर पर हरीश कनवाल, राजेंद्र बिष्ट, गोपाल चम्याल, राजेंद्र रावत, मनोज सनवाल, दीपक गुरुरानी, आदित्य गुरुरानी, सभासद संजय जोशी, पंकज भगत, दीप जोशी, भोपाल मनराल और अन्य होलियारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
यह कार्यक्रम न केवल होली के रंगों को फैलाने का अवसर था, बल्कि अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए एक अहम कदम भी था।