अल्मोड़ा-अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी ने बताया कि पुस्तकों का हमारे समाज के विकास में अतुलनीय योगदान है।जिसको समझते हुए उन्होंने एक छोटे से प्रयास की मुहिम चलाई है।उन्होंने कहा कि अब वे जब भी किसी माननीय/मंत्री/मुख्यमंत्री/सांसद/विधायक/नेता से मिलेंगे तो पुष्पगुच्छ/माला की जगह पुस्तक भेट करेंगे।उन्होंने लोगों से भी यही अपेक्षा रखी है कि अगर कोई भी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए आता है तो पुष्पगुच्छ/माला लेकर ना आये।यदि व्यक्ति उन्हें सम्मान देना ही चाहता है तो पुस्तक भेट कर दे।श्री तिवारी ने कहा कि इसके दो फायदे होंगे।एक तो बेवजह फूलों की जो बर्बादी हो रही है वो रूकेगी।साथ ही पुष्पगुच्छ और माला पर जो रूपये बेमतलब खर्च होते हैं उनकी बचत होगी।उन्होंने कहा कि पुष्पगुच्छ और माला केवल एक बार काम में आती हैं और फिर फेंक दी जाती हैं।इनका पुनः कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता।लेकिन पुस्तकें वो अनमोल खजाना हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी आने वाली नस्लें तक इस्तेमाल कर सकती हैं।उन्होंने कहा कि यदि किसी को सम्मान देना है तो हम उसे पुस्तकें भेंट करके भी सम्मान दे सकते हैं।उन्होंने सभी से अपील भी की कि उन्हें अगर किसी को भेंट स्वरूप कुछ देना है तो पुस्तकें दें।श्री तिवारी ने कहा कि उनकी ये सोच है कि आने वाले समय में एकत्रित हुई इन पुस्तकों से विकासखंड स्तर पर लाइब्रेरी बनाई जाए।जिससे कि लोग इन पुस्तकों का लाभ ले सके।श्री तिवारी ने अपनी इस पहल की शुरूआत भी कर दी है।विगत दिवस अल्मोड़ा पहुंचे परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री चन्दन राम दास से मुलाकात करने पर उन्होंने मंत्री को सम्मान स्वरूप पुस्तक भेंट की।श्री तिवारी ने कहा कि हम पुष्पगुच्छ और मालाओं पर बेवजह खर्च करते हैं जो एक बार के बाद उपयोग में भी नहीं आते।यदि हम पुष्पगुच्छ एवं फूलमालाओं के स्थान पर पुस्तकों का प्रयोग करें तो ये पुस्तकें कई लोगों के काम आ सकती हैं।उन्होंने अन्य सभी लोगों से भी अपील की है कि वे भी इसे प्रयोग में लाने का प्रयास करें।उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में विकासखंड स्तर पर पुस्तकालय बनाए जाएंगें जिससे के बच्चे वहां पर ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ सकें और ज्ञान अर्जित कर सकें जो उनके जीवन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।