राम कृष्ण कुटीर के तत्वावधान में “विवेक उत्सव”के अन्तर्गत एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “स्वामी विवेकानंद के सपनों का आजाद भारत– युवाओं का उत्तरदायित्व” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सभी अतिथियों के आगमन पर महिलाओं ने पारंपरिक कुमाऊनी परिधान में शगुन आंखर गाकर स्वागत किया।

कार्यक्रम की रूपरेखा एवं अतिथियों का परिचय स्वामी ध्रुवेशानंद, अध्यक्ष, रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा द्वारा कराया गया। आधार व्याख्यान में स्वामी वीरेशानंद, संपादक ‘प्रबुद्ध भारत’ ने विवेकानंद के विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रो. एन. एस. भंडारी, माननीय कुलपति एस एस जीना परिसर, अल्मोड़ा ने स्वामी विवेकानंद के आजादी में योगदान, उनके प्रेरणापद विचारों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वामी शान्तात्मानंद जी ने भारतीय संस्कृति की प्राचीनता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इसके संवर्धन एवं विकास में युवाओं की भूमिका हेतु स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए मार्गदर्शन की चर्चा की । अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सोनू द्विवेदी शिवानी, विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष, दृश्य कला विभाग द्वारा दिया गया।

दूसरे तकनीकी सत्र में अध्यक्ष स्वामी शुद्धिदानंद, अध्यक्ष, अद्वैत आश्रम मायावती, चंपावत एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. एस. ए. हामिद थे। इस सत्र में स्वामी शुद्धिदानंद जी ने भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटुंबकम्, विश्व कल्याण के विषय में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों पर प्रकाश डाला। प्रो. एस.ए. हामिद ने भारतीय अध्यात्मिक दर्शन एवं विवेकानंद के दार्शनिक विचारों पर प्रकाश डाला। इस सत्र में अनेक विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र का संचालन डॉक्टर सी. पी. फुलोरिया ने किया।

समापन सत्र में स्वामी वीरेशानंद जी एवम स्वामी शुद्धिदानंद ने भारत एवं भारतीय संस्कृति के विषय में चर्चा की एवं भारतीय दर्शन के एकं सत्य, विप्राः वहुधा वदन्ति एवम् भारतीय शिक्षा प्रणाली एवं इसके संबंध में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों के अनुरूप शिक्षा के विकास पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त प्रो. एम. पी जोशी जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय सामाजिक संरचना एवं इसकी कमियों को राष्ट्रीय निर्माण में बड़ी बाधा माना था । इस सत्र के अध्यक्ष श्री प्रकाश जोशी, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, अलमोड़ा ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को यवाओं हेतु प्रेरणासदायी बताया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन स्वामी देव्यानंद द्वारा जी द्वारा किया गया।

दृश्य कला संकाय द्वारा स्वामी विवेकानंद के सपनों का आजाद भारत एवं युवाओं का उत्तरदायित्व विषय में की गई पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया । मो. बिलाल सैफी को प्रथम स्थान, यश चौहान को द्वितीय स्थान एवं नंदिता महर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सी. पी. फुलोरिया ने किया। सरस्वती टेंट हाउस अल्मोड़ा ने भोजन व्यवस्था की।

इस अवसर पर स्वामी सुप्रकाशानंद, स्वामी पुण्यानंद ,स्वामी कल्याणदानंद,
प्रो. वी. डी. एस. नेगी जी ,डॉ गोकुल देउपा,प्रेमा खाती ,डॉ लक्ष्मी वर्मा, रवि कुमार जीवन चंद भट्ट, चंदन जीना, पूजा बिष्ट, चंदन पांडे ,कविता मेहरा, प्रज्ञा तिवारी ,अक्षय कुमार ,रीता गोस्वामी, डॉ सुमन जोशी, चंदन कुमार, विवेक पांडे ,रूप सिंह , हिमालय सिंह ठाकुर,अंजली मेहरा, किरन एवं चित्रकला विभाग के शोधार्थी एवं विधार्थी उपस्थित रहे।