डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर अल्मोड़ा में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्वाजंलि दी गई,जनपद अल्मोड़ा के सभी 23 मण्डलों में मास्क वितरण, सेनेटाइजर वितरण एंव स्वच्छता कार्यक्रम किये गये,जनपद में बूथ स्तर पर श्रद्वाजंलि कार्यक्रम किये गये,अल्मोड़ा मुख्यालय में श्रद्वाजंलि कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी संगठन महामंत्री अजेय ने श्रद्वाजंलि दी एंव कहा कि जनसंघ के संस्थाक एंव तत्कालिन कांग्रेस सरकार के देष विरोधी कार्यो का विरोध करते हुवे,देष में एक निषान व एक प्रधान एक विधान चलेगा,संगठन महामंत्री अजेय जी ने उनके जीवन में प्रकाश डालते हुवे कहा कि वे मानवता के उपासक और सिद्वान्तवादी थे,उन्होंने कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबंधन का निर्माण किया, इस सरकार में वे वित मंत्री बने,उन्होने कहा कि धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे, उन्होने कहा कि हम सभ एक है हम में कोई अन्तर नहीं, एक ही भाषा एक ही संस्कृति एक ही हमारी विरासत है,
जिलाध्यक्ष रवि रौतेला ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे, उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अपना संविधान था, वहा का मुख्यमंत्री अर्थात प्रधानमंत्री कहलाता था, संसद में अपने भाषण में डॉ मुखर्जी ने धारा 370 को समाप्त करने पर भी जोरदार वकालत की थी, अगस्त 1952 में जम्मू के विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो में आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराएगा या फिर इस उदेश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूगॉ।भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया,और उनके एक निषान एक प्रधान व एक विधान की परिकल्पना को आज साकार किया,बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष, रमेश बहुगुणा, जिला कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष ललित लटवाल, जिला महामंत्री महेश नयाल, शैलेन्द्र साह, नरेन्द्र प्रसाद, पूनम पालीवाल, विनीत बिष्ट, राहुल बोरा, देवाषीश नेगी, संदीप श्रीवास्तव, ललित जोशी, मनोज जोशी, राजीव गुरूरानी, विरेन्द्र कुमार, घनश्याम, रोहित भोज आदि कार्यकर्ता उपस्थित थें।