भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा 01-05 जनवरी, 2023 के दौरान ‘‘पर्वतीय कृषि पर लघु पाठ्यक्रम‘‘ विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल तीस छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिनमें 03 प्रतिभागी नेपाल से थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत जी द्वारा किया गया। निदेशक महोदय ने अपने व्याख्यान में प्रशिक्षु विद्यार्थियों को पर्वतीय कृषि के विभिन्न आयामों से परिचित कराया तथा उन्हें संस्थान द्वारा विकसित फसलों की प्रजातियों व अन्य तकनीकियों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी। संस्थान के वैज्ञानिकों ने पर्वतीय कृषि से सम्बंधित विविध क्षेत्रों पर कुल 12 व्याख्यान और व्यावहारिक ज्ञान दिए गए जिनमें एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, जैविक खेती, फार्म मशीनीकरण, जैव प्रौद्योगिकी, मशरूम की खेती, संरक्षित खेती, मधुमक्खी पालन, जल प्रबंधन, दीर्घकालिक क्षेत्र प्रयोग, फसल में जैव रासायनिक विश्लेषण, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, आदि विषय सम्मिलित थे। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को संस्थान द्वारा गोद लिया ग्राम भगरतोला का भ्रमण कराया गया, जिसमें विद्यार्थियों को सब्जियों, फलों की खेती और पशुपालन संबंधी क्रिया कलापों की विस्तार से जानकारी दी गयी तथा कृषकों के खेतों में प्रदर्शित संस्थान की तकनीकियों को दिखाया गया। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों का संस्थान द्वारा भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा परिसर का भी भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षु विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को महत्त्वपूर्ण बताते हुए संचालन समिति तथा संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत जी को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रशिक्षण से उनके पर्वतीय कृषि से सम्बंधित सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि हुई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ जय प्रकाश आदित्य, डॉ गौरव वर्मा और डॉ राजेंद्र प्रसाद मीणा  द्वारा किया गया।