अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विवि के शिक्षा संकाय में चल रहीं आत्म विकास विषय पर आयोजित आॅनलाईन कार्यशाला के छठे दिन सकारात्मक सोच विकसित करने के उपायों के बारे में जानकारी हासिल की। इस सात दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य एमएड प्रशिक्षुओं को सेल्फ स्किल डेवलपमेंट में दक्ष बनाना है।   

मंगलवार को जिला शिक्ष एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्रवक्ता डाॅ कामाक्षी मिश्रा एवं सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी गदरपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ संतोष त्रिपाठी ने जीवन में पाॅजिटिव अप्रौच विकसित करने के उपाय बताए। प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए डायट प्रवक्ता डाॅ कामाक्षी मिश्रा ने जीवन में हैप्पीनेस की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवावस्था में किस प्रकार मन शांत और ध्यान केंद्रित कर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को क्रियाकलापों एवं विभिन्न उदाहरण-कहानियों का सहारा लेकर विस्तृत व्याख्यान दिया। इसके बाद गदरपुर काॅलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ संतोष त्रिपाठी ने जीवन में सपनों को साकार करने के लिए किस प्रकार फोकस होकर निरंतरता और  स्थिरता की जरूरत को इंगित किया।

वहीं, विवि की सेवानिवृत्त भाषाविद् प्रो दिवा भट्ट ने सफल जीवन में आने वाले द्वंद्वात्मक परिस्थिति में साहस एवं धैर्य के गुण को विकसित करने के उपागमों के बारे में प्रशिक्षुओं को बताया। इस दौरान उन्होंने एमएड प्रशिक्षुओं के साथ इंटरेक्शन कर बिंदुवार परिस्थितिजन्य दुविधा को दूर करने उपायों के बारे में परिचर्चा की। इस मौके पर कार्यशाला निर्देशक व विभागाध्यक्ष प्रो विजयारानी ढ़ौडियाल, सहायक प्राध्यापक डाॅ संगीता पंवार आदि मौजूद रहे।