अल्मोड़ा – एक तरफ सरकार छात्राओं की शिक्षा के लिए बड़े बड़े वादे कर रही है। सरकारी वाहनों में छात्राओं की विद्यालय निशुल्क जाने की बात करती रहती है। वही परिवहन विभाग छात्राओं से अधिक किराया वसूलने के काम करता नजर आ रहा है। इसी तरह का मामला अल्मोड़ा जनपद के रौल्याणा ग्राम से सामने आ रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम की दिल्ली से धरमघर को संचालित बस के परिचालक पर चनौदा इंटर कॉलेज की छात्राओं ने जबरन बस से नीचे उतारने और उनकी पठन-पाठन सामग्री को फेंकने का आरोप लगाया है। अधिक किराया मांगने को लेकर हुए विवाद की शिकायत परिजनों ने पुलिस थाना सोमेश्वर में की है। साथ ही परिचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठायी।

मामला बीते शुक्रवार का है। रौल्याणा गांव की पांच छात्राएं बिजोरिया बैंड से रोडवेज की बस में चनौदा के लिए बैठीं। उनका आरोप है परिचालक ने उनसे ₹10 की जगह ₹25 रुपये प्रति सीट के हिसाब से टिकट मांगा। उन्होंने मनमाना किया देने से मना किया तो 1 किलोमीटर आगे आने पर परिचालक ने बस रुकवा कर उन्हें जबरन सड़क पर उतार दिया। इसके अलावा उनकी पठन-पाठन सामग्री भी बस से नीचे फेंक दी। किराए को लेकर हुए इस विवाद के कारण छात्राओं को विद्यालय में परीक्षाएं देने के लिए देर हो गई। उन्होंने इसकी शिकायत घर जाकर अपने परिजनों से की। शनिवार को परिजनों ने बस की वापसी के समय उसे चनौदा में रोकना चाहा। लेकिन परिचालक ने उनसे दोबारा दुर्व्यवहार किया। जिससे नाराज रौल्याणा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नारायण राम ने पुलिस थाना सोमेश्वर में उत्तराखंड रोडवेज की बस यूके 07 पीए 3184 के परिचालक के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपा। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है। अभिभावकों ने कहा परिचालक के अभद्र व्यवहार और ज्यादा किराया मांगने के कारण बच्चों का मानसिक उत्पीड़न हुआ है। उन्होंने न्याय दिलाने की मांग पुलिस प्रशासन से की है। इधर, थानाध्यक्ष अजेंद्र प्रसाद का कहा पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।