गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पयार्वरण संस्थान अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र द्वारा डी.बी.टी. एवं यू-काॅस्ट, देहरादून के सहयोग से कौशल विज्ञान कायर्क्रम के तहत आयोजित त्रिमासिक तकनीकी प्रशिक्षण कायर्शाला का आज दिनंाक 04.04.2022 को समापन हुआ। कायर्शाला में विभिन्न विद्यालयों, क्षेत्रों से आये 7 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग करते हुए प्रयोगशालाओं में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों, गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस केमिकल तैयार करना आदि विषयों में जानकारी एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया।
उपरोक्त कायर्क्रम का संचालन डाॅ0 आई0 डी0 भट्ट वरिष्ठ वैज्ञानिक अल्मोड़ा द्वारा किया गया। डा0 भट्ट ने बताया कि वतर्मान समय में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस तीन माह प्रशिक्षण कायर्क्रम को आॅनलाइन एवं आॅफ लाईन माध्यम से पूणर् किया जिसमें संस्थान के शोधाथीर्यों, वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं विभिन्न संस्थाओं जैसे कि विश्वविद्यालय चण्डीगढ़, सेन्ट्रल विश्वविद्यालय गाँधीनगर पूना के साथ-साथ निसान्त एरोमा हरिद्वार, हिमेक्स नेच्यूरल आदि ने विभिन्न विषयों पर जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। साथ ही डाॅ0 भट्ट ने बताया कि सम्पूणर् कायर्क्रम यू-काॅस्ट के दिशा-निदेर्शन में किया गया जिसमें प्रतिभागियों का मौलिक एवं लिखित परीक्षा भी आयोजित की गयी। कायर्क्रम समापन में डा0 वी0पी0 पुरोहित, एडवाइजर यूॅ-काॅस्ट द्वारा सभी प्रतिभागियों से वातार् द्वारा तीन-माह का फीड-बैक भविष्य की आकांक्षाओं एवं चलायी जा रही परियोजना की जानकारी प्रदान की गयी। इसी क्रम में डा0 अपर्णा, यूॅकास्ट द्वारा सभी प्रतिभागियों को विज्ञान क्षेत्र में कायर् करने हेतु इस प्रशिक्षण की महत्वता को अवगत कराया। साथ ही उन्होने बताया कि डी.बी.टी. भारत सरकार ने यह कायर्क्रम विभिन्न क्षेत्रों के कौशल विकास, सरकारी-निजी संस्थाओं में कायर् करने हेतु क्षमता निमार्ण करना आदि को ध्यान में रखते हुए पोषित किया है।
विभिन्न विश्वविद्यालयों से कायर्शाला में प्रशिक्षण देने वाले सभी विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये। डा0 भावना पाठक गुजरात ने भविष्य में सभी प्रतिभागियों को सेन्ट्रल विश्वविद्यालय गुजरात में आकर विभिन्न उपकरणों जैसे एन.एम.आर, जी.सी. आदि के प्रशिक्षण लेने की बात कही।
प्रो0 अनुराग ठाकुर तिवारी, डीन चितकारा विश्वविद्यालय ने औषधीय पादपों के संरक्षण एवं संवधर्न हेतु टिसू कल्चर की उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होेने बताया कि वतर्मान समय में हिमालयी औषधयी पादपों की आवश्कता हबर्ल तत्वों, दवा आदि निमार्ण में बढने लगी है। इस प्रकार के तीन माह प्रशिक्षण कायर्शाला भविष्य में भी विभिन्न छात्र-छात्राओं के कौशल निमार्ण प्रयोगशाल प्रशिक्षण आदि के लाभदायक होेगे। साथ ही डा0 तिवारी भविष्य में चण्डीगढ़ में स्थित विभिन्न कंपनी (महिन्द्रा -महिन्द्रा, हबर्ल कंपनी) आदि में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगें।
डा0 वी0एस0 कालाकोटी, हिमेक्स नेच्युरल द्वारा उत्तराखण्ड रिसोर्स को ध्यान पर रखते हुए भविष्य में नयी-नयी कंपनी की स्थापना करना एवं यू-काॅस्ट देहरादून तथा पयार्वरण संस्थान अल्मोड़ा द्वारा अधिक से अधिक प्रशिक्षु तैयार करने पर बल दिया। डा0 कालाकोटी ने दवा निमार्ण कंपनी में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों रोटेटरी डिस्टालेशन यूनिट पाॅवर पाॅइट प्रदशर्न के माध्यम से प्रतिभागियों को जानकारी दी साथ ही डा0 रामाकांत ने विभिन्न एरोमेटिक पादपों से प्राप्त होने वाले ई. आॅयल की काॅस्मेटिक हबर्ल कंपनी में (डिमांड) आवश्कता पर जानकारी देते हुए इस क्षेत्र पर रिसचर् करने पर जोर दिया।
श्री अंकित राना ने भविष्य में सभी प्रतिभागियों को हैड-आॅन-ट्रेनिंग द्वारा जोड़ने की बात कहीं श्री राना ने बताया कि इस प्रकार की टेªनिंग द्वारा उक्त प्रशिक्षुकों को रोजगार की संभावना पूणर् होगी।
डा0 वी0पी0 पुरोहित, एडवाइजर यूॅ-कास्ट ने बताया कि यह डी0बी0टी0 भारत सरकार द्वारा पोषित टैक्सीशियन टेªिनग प्रोग्राम था जिसे उत्तराखण्ड में 5 विभिन्न संस्थाओं ने प्रतिभाग किया। डा0 पुरोहित ने बताया कि वतर्मान मं उद्योगेां मं स्कीलड प्रशिक्षुओं की अतिआवश्यकता है। अतः यह टेक्नीशियन टेªनिग प्रोग्राम भविश्य में भी प्रशिक्षुओं को तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा।
कायर्क्रम समापन में डा0 जी0सी.एस0 नेगी वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा कौशल विकास हेतु भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न 22 कायर्क्रमों की जानकारी प्रदान की। डा0 नेगी ने वतर्मान समय पर बाॅस प्रजाति को टिशू कल्चर से तैयार करना वी कीपिंग पे प्रशिक्षण लेने, उपकरणों के थ्योरी टूल टैक्निक आदि पर अधिक से अधिक ज्ञान आजिर्त करने की बात कही।
डा0 सुबोध ऐरी डा0 वसुधा अग्निहोत्री, डा0 मिथिलेश सिंह ने सभी प्रतिभागियों को गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिश, प्रोयागशाला उपकरणों के जानकारी पर अधिक पढ़ाई करने पर जोर दिया।
इसी क्रम में डा0जे0 सी0 कुनियाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने सभी प्रतिभागियों, प्रशिक्षु संस्थान एवं यू-काॅस्ट को प्रोत्साहित किया, डा0 कुनियाल ने भविष्य में भी इस प्रकार की कायर्शालाओं का आयोजन करने एवं विभिन्न छात्रों को तकनीकी प्रशिक्षण करने हेतु कायर् करने पर जोर दिया।
कायर्क्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं मोमेन्टो वितरण किया गया। डा0 विक्रम नेगी द्वारा सभी संस्थाओं के सहयोग पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
कायर्क्रम में डा0 आशीष पाण्डे डा0 वीना पाण्डे, डा0 अमित बहुखण्डी, डा0 लक्षमण सिंह, श्री विभाष ध्यानी, दीप तिवारी, ऋषभ रावल, बंसत ंिसह अंकित, शाईनी, पुष्पा, हिमानी तिवारी, मनोज मेहता, सिमरन आदि उपस्थित रहे।