अल्मोड़ा- भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से संचालित कोसी पुनर्जनन कार्यक्रम के अन्तर्गत द्वितीय फेस के तहत कराए जाने वाले जल संरक्षण व संवर्द्वन के कार्यों को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला गुरूवार को विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी वन्दना ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण एवं नदी पुनर्जनन हेतु आगामी एक सप्ताह में अपने-अपने रीचार्ज जोन का भ्रमण करने तथा अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक कार्यों के माइक्रो प्लान तैयार करें। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के अन्दर अपने-अपने रिचार्ज जोन का भ्रमण कर स्थानीय प्रधान/अन्य जनप्रतिनिधियो, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों से वार्ता करेंगे साथ ही माह के अन्त तक डूऐबल एक्शन प्लान अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जन सहभागिता बढ़ाए जाने हेतु प्राथमिकता से कार्य किया जाय तथा छोटे-छोटे जलाशय, झीलों का निर्माण कर भू-जल के स्तर को बढ़ाया जाय।
                           इस कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा कि वे गम्भीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करें। इस कार्यशाला में प्रो0 जे0एस0 रावत द्वारा कोसी, कुंजगढ़ तथा सरौतगाड़ नदियों के जलागम क्षेत्र में एक्वीफर्स के विषय में विस्तारपूर्वक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने हिमालयी परिक्षेत्र में जलस्रोतों के रीचार्ज हेतु चयनित रीचार्ज जोन में समर्पित प्रयास किए जाने एवं खाल-खन्ती, तालाब निर्माण आदि कार्यों के नियमित अनवीक्षण किए जाने हेतु विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यशाला में हिमालयन ग्राम विकास समिति, गंगोलीहाट द्वारा भी जल प्रबन्धन के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों एवं विषय में प्रस्तुतिकरण दिया। जी0बी0 पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान द्वारा कोसी नदी परियोजना अन्तर्गत गढ़वाली एवं सिमतोला रीचार्ज जोन में किये गये कार्यों एवं अभी तक हुए कार्यो का प्रस्तुतिकरण दिया।
                           इस दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन कोसी नदी एवं सहायक कुंजगढ़ तथा सरौतागाड़ नदियों के 33 जलागम क्षेत्रों में जल संरक्षण तथा नदी पुनर्जनन कार्यों के सुचारू संचालन हेतु नामित नोडल अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया तथा कल (शुक्रवार) को क्षेत्र भ्रमण के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इस कार्यशाला में कोसी नदी पुनर्जनन अभियान से जुड़े समस्त नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।