पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को एक ज्ञापन प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया कि छोटे-बडे व्यवसायी विशेषकर श्रोज कमाओ रोज खाओ श् वाले व्यवसायी/दुकानदारों जैसे फुटपाथ पर जिविका चलाने वाले,बारबर (नाई) ,सब्जी-फल/चाय विक्रेता,लांड्री चलाने वाले,फड़ व्यवसायी,पान विक्रेता ,छोटे दुकानदार आदि का व्यवसाय कोरोना काल में ठप हो गया है । इनकी आजिविका व्यवसाय पर ही निर्भर होने से लाॅकडाउन व कोरोना संक्रमण के कारण ये आर्थिक कठिनाईयों से जूझ रहे हैं, इनके सम्मुख परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है । अन्य व्यापारी भी व्यवसाय ठप हो जाने से आहत हैं तथा उनके सम्मुख अपने कर्मचारियों को वेतन देने की जटिल समस्या पैदा हो गयी है ।

          उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषम परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुये उत्तराखण्ड सरकार को इनके हितों की रक्षा के लिये उचित निर्णय लिय जांय तथा इनकी आर्थिक मदद की जानी चाहिये । ये छोटे-बड़े व्यवसायी संक्रमण का जोखिम उठा कर कोरोना गाईड -लाइन का पालन करते हुये अल्प समय नागरिकों को उनकी जरूरत का सामान मुहैया कराते हैं । श्री कर्नाटक ने ज्ञापन द्वारा मांग की कि  इन व्यापारियों की हितों की सुरक्षा हेतु प्राथमिकता के आधार पर निम्न निर्णय लिये जांय और श्आपको भी जीने का अधिकार है श् को साकार किया जाय-

1-छोटे व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को रू. 5000/-(पांच हजार) की आर्थिक सहायता प्रतिमाह संक्रमण समाप्त होने तक दी जाय ।

2- जिन व्यापारियों द्वारा अपनी सहायता हेतु कर्मचारी रखे हुये हैं उनके वेतन भुगतान का खर्च राज्य सरकार वहन करे ।                  

3-संक्रमण समाप्त होने तक लिये गये ऋण के ब्याज का खर्च सरकार को उठाना चाहिये  ।

4-जो व्यवसायी किराये पर दुकान चला रहे हैं उनका किराया संक्रमण समाप्त होने तक सरकार को वहन करना चाहिये ।

5-कोरोना काल में जी.एस.टी.,विद्युत,पानी सहित सभी टैक्सों पर छूट दी जाय ।

6-सभी छोटे-बडे व्यवसायियों का प्राथमिकता  के आधार पर टीकाकरण किया जाय ।

        उन्होने मुख्यमंत्री से कहा कि कोरोना काल में  आप व्यवपारियों को उपरोक्त सहयोग देकर उत्तराखण्ड राज्य में एक आदर्श प्रस्तुत कर अपनी अहम भूमिका निभाने का कष्ट करें ताकि अन्य राज्य भी आपके इस निर्णय का अनुश्रवण कर व्यापारियों के हितों में उचित फैसला लेने में सहायक हो सकें ।