पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम‌. बिट्टू कर्नाटक ने आज राज्य के मुख्यमंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन में  कहा कि कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है । पर्याप्त जांच न होने से कोरोना संक्रमण के फैलाव में और तेजी आ रही है । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में सीमित कोविड जांच केन्द्र हैं जिनमें जांच करने वाले माईक्रो-बाॅयलाजिस्ट चिकित्सकों की संख्या बहुत ही कम है । जिस कारण संक्रमितों की रिर्पोट आने में काफी समय लग रहा है और ऐसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है कि रिर्पोट आने तक सम्भावित संक्रमित को अन्यत्र आइसोलेट किया जा सके । जिस कारण रिर्पोट आने तक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों तक इस संक्रमण को पहुंचा रहे हैं जो एक चिन्तनीय विषयक है साथ ही वैज्ञानिकों/चिकित्सकों का मानना है कि आरटीपीसीआर ही एक मात्र टैस्ट है जो सभी माप दण्डों पर खरा उतरता है किन्तु आरटीपीसीआर टैस्ट रिर्पोट आने में काफी समय लग रहा है, जिस कारण भीड बढने पर जांच केन्द्रों में रैपिड एन्टीजन तथा ट्रूनेट जैसे टैस्टों को किये जा रहे हैं जो कि अपनी जांच पर खरे नहीं उतरते हैं और कई बार कोरोना संक्रमितों की गलत नेगेटिव रिर्पोट आ जाती है । कर्नाटक ने कहा  कि पर्वतीय जनपद अल्मोडा के बेस चिकित्सालय में एक माइक्रो-बाॅयलाजिस्ट चिकित्सक तैनात हैं जो लम्बे समय से लगातार 16 घंटे से अधिक कार्य कर अपनी सेवायें दे रहे हैं किन्तु उसके पश्चात भी सम्भावित संक्रमितों की रिर्पोट आने में काफी समय लग रहा है साथ ही समय के अभाव के कारण कई संक्रमितों के आरटीपीसीआर टैस्ट कर पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है जिस कारण भी कोरोना सक्रमण की रफ्तार में तेजी आयी है ।

                            उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि  अपेक्षित कार्यवाही कर उत्तराखण्ड के नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए तत्काल निम्न कार्य किये जने अत्यंत आवश्यक हैं –

              1-कोविड जांच केन्द्रों की संख्या बढायी जाय ।

              2-जांच करने वाले चिकित्सकों / माईक्रो-बाॅयलाजिस्ट के पद सृजित कर तत्काल इनकी नियुक्ति कर संख्या बढायी जाय ।

              3-जांच रिर्पोटों को कम से कम समय में सम्भावित संक्रमितों तक पहुंचायी जाय ताकि संक्रमित व्यक्ति अन्य को संक्रमण न फैला सके ।

              4-कोरोना टैस्ट की रिर्पोट आने तक टैस्ट कराने वाले व्यक्तियों को सख्ती के साथ उनके घर पर आइसोलेट करने तथा इन पर निगरानी बनाये रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय ।

              5-अन्य टैस्टों को रोककर केवल आरटीपीसीआर टैस्ट को ही वरीयता दी जाय साथ ही अधिक से अधिक नागरिकों के टैस्ट कराये जांय।

              6-बाहर से आने वाले प्रवासी नागरिकों के आरटीपीसीआर टैस्ट बार्डर/चैक पोस्टो में कराने के साथ साथ रिर्पोट आने तक उन्हें आइसोलेशन केन्द्र पर रोके रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय ।