जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने आज कलैक्ट्रेट में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना व ग्राम्या परियोजना द्वारा जनपद में किये जा रहे कार्याें की समीक्षा की। बैठक में परियोजना प्रबन्धको द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की। सहायक परियोजना निदेशक ग्राम्या डा0 एस0के0 उपाध्याय ने जानकारी देते हुये बताया कि परियोजना वर्तमान में विकास खण्ड धौलादेवी में संचालित की जा रही है जिसके अन्तर्गत 87 ग्राम पंचायतें लाभान्वित हो रही है। उन्होंने बताया कि परियोजना द्वारा इन ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण व आजीविका संर्वद्धन के अर्न्तगत कच्चे तालाब, सिंचाई टैंक, सिंचाई गूल, कम्पोस्ट पीट, पशु पालन, प्रमाणित बीज उत्पादन के अलावा सोलर पम्प वॉटर लिफ्ट आदि पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने परियोजना के अभिनव कार्याें की जानकारी दी।
                                     बैठक में परियोजना प्रबन्धक आजीविका कैलाश भट्ट ने परियोजना की जानकारी देते हुये बताया कि वर्तमान में परियोजना जनपद के 07 विकास खण्डों में संचालित की जा रही है। परियोजना के अर्न्तगत डेयरी, दुग्ध उत्पादन, मसाला उत्पादन, फार्म मशीनरी बैंक के अलावा समूह के माध्यम से आजीविका बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आजीविका द्वारा कई ग्रोथ सेन्टरों ंपर कार्य किया जा रहा है साथ ही बाल विकास द्वारा दिये जाने वाले टेक होम राशन की सप्लाई भी आजीविका समूह द्वारा की जा रही है।
                                       बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि सामान्य कार्यों के अलावा कुछ अभिनव प्रयोग किये जाने की जरूरत है कि जो एक मॉडल के रूप में परिलक्षित हो। उन्होंने कहा कि ग्राम्या के अर्न्तगत बडे़ स्केल पर बकरी पालन के लिये एक किसी गॉव के चयनित करें जिसमें बकरी पालन व्यवसायिक रूप में हो जिससे और लोगों को भी प्रेरणा मिले। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीज प्रमाणिकरण पर भी परियोजना बीज बैंक पर विशेष फोकस करें जिससे हमारे परम्परागत अनाज को आगे बढाया जा सके।
                                        जिलाधिकारी ने लहसुन, अदरक, हल्दी आदि के सर्टिफाइड बीज उत्पादन करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि पॉलीहाउस के माध्यम सब्जी उत्पादन के अलावा सब्जी की पौध पर विशेष ध्यान दें जिससे कम एरिया में अधिक आय होने की सम्भावना रहती है। जिलाधिकारी ने आजीविका के अन्तर्गत समूह को एनआरएलएम से जोड़ने व दैनिक उपभोग की वस्तुओं को डोर टू डोर सप्लाई करने सम्भावना पर विचार करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो महिलायें समूह में काम कर रही है उन्होंने बाजार उपलब्ध हो इस पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।