जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आज कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं व किये गये कार्यों की समीक्षा हेतु एक बैठक की। जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों को क्लस्टर आधारित कृषि करने हेतु प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि क्लस्टर आधारित कृषि के माध्यम से एक स्थान पर विभिन्न संसाधनों का सदुपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चैखुटिया क्षेत्र में धान की पैदावार बढाये जाने के लिए वहाँ के किसानों की समस्याओं को सुने और उन्हें अपनी कार्य योजना में रखते हुए निस्तारण करने का प्रयास किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा अपने उत्पादों के आउटलेट (बिक्री केन्द्र) प्रत्येक विकास खण्ड में बनाये जिससे लोगों को ऐसे उत्पाद खरीदने में आसानी हो सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जनपद में कृषि मण्डी न होने की दशा में यहाँ के कृषि उत्पाद को सही बाजार व मूल्य उपलब्ध नहीं हो पाता है इसके लिए जनपद में कृषि मण्डी की सम्भावना की तलाश हेतु एक योजना तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि हेतु भी यहाँ के कृषकों को प्रोत्साहित करना होगा इसके लिए प्रत्येक वर्ष किसी एक विकास खण्ड को जैविक कृषि युक्त बनाने का प्रयास किये जाय। उन्होंने कहा कि इस ओर भी ध्यान दिया जाय कि जनपद में सीड बैंक बनाया जाय और यही से यह सर्टिफाईड भी हो सकें। जनपद में संचालित मोबाइल वैन के सार्थक परिणाम सामने आये है इसके लिए एक अन्य मोबाइल वैन का प्रस्ताव निदेशालय प्रेषित किया जाय। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीकों का लाभ किसानों को प्रदान किया जाय। कृषकों की फसलों का शत-प्रतिशत बीमा कर उन्हें बीमा कवर से आच्छादित किया जाय। इस दौरान जिलाधिकारी ने अन्य विषयों पर भी कृषि विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल, मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह, सहायक कृषि अधिकारी भारती राणा, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी विनोद शर्मा एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।