सर्वदलीय संघर्ष समिति ने सरकार से जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की बजाय इसे निरस्त किये जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 27 जनवरी को जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने का ऐलान किया था। नगरपालिका में आयोजित प्रेस वार्ता में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जबरन थोपे गये जिला विकास प्राधिकरण से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था। कठिन प्रक्रिया और महंगी फीस होने के कारण आम आदमी को अपने भवन के नक्शे पास करने के लिये लाखों रूपये का भुगतान करना पड़ रहा था।

उन्होने सरकार से इसे स्थगित करने की बजाय निरस्त करने और नक्शे पास करने का अधिकार नगर निकायों को दिये जाने की मांग भी की। उन्होने कहा कि अल्मोड़ा की अगर बात करे तो प्राधिकरण बनने से पूर्व नगरपालिका अल्मोड़ा को नक्शे स्वीकृत कराने पर वर्ष में 40 लाख के आस-पास राजस्व प्राप्त होता था। जो कि प्राधिकरण के कारण बंद हो चुका है। नगरपालिका में मामूली खर्च पर नक्शे पास होते थे वही प्राधिकरण बनने के बाद लोगों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा नक्शे को पास कराने में बर्बाद हो रहा है। पालिकाध्यक्ष जोशी ने कहा कि संघर्ष समिति द्वारा किये गये संघर्ष के फलस्वरूप ही सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ रहा है उन्होने इसके लिये संघर्ष समिति में जुड़े सभी व्यक्तियों और संगठनों का आभार प्रकट किया। कहा कि शासनादेश आने के बाद ही आंदोलन के बारे में कोई फैसला लिया जायेगा तब तक पूर्व की भांति संघर्ष समिति का आंदोलन चलता रहेगा।