अल्मोड़ा-शहर के विकास का जिम्मा संभालने वाली नगर पालिका का खजाना खाली है।हालत यह है कि पालिका के पास अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए तक पैसा नहीं है।मौजूदा समय में नगर पालिका की तंगहाली से अधिकारियों कर्मचारियों का पिछले दो माह का वेतन रूका हुआ है।नगर पालिका में वर्तमान में 140 पर्यावरण मित्रों समेत करीब 210 कर्मचारी कार्यरत है।फरवरी माह समाप्ति की ओर है लेकिन पालिका कर्मचारियों को दिसंबर व जनवरी माह के वेतन का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। यही नहीं पालिका की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि पेंशन भोगियों को भी पेंशन का भुगतान करने तक का पैसा पालिका के पास नहीं है।आपको बता दें राज्य वित्त आयोग की ओर से पालिका को पैसा दिया जाता है।इसी पैसे से कर्मचारियों और पेंशनरों का भुगतान किया जाता है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि राज्य वित्त आयोग से जो धनराशि मिलती है वह कर्मचारियों के वेतन व पेंशन भोगियों के पेंशन के लिए प्रर्याप्त नहीं है।नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी के कहा कि पालिका को कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के लिए 1 करोड़ 20 लाख के बजट की आवश्यकता होती है।लेकिन पालिका के पास आय के पर्याप्त साधन मौजूद नहीं है।उन्होंने कहा कि पूर्व में पालिका भवन नक्शों को पास करने पर शुल्क लेती थी।लेकिन नवंबर 2017 में जिला विकास प्राधिकरण लागू होने के बाद नगर पालिका से भवन के नक्शा पास करने का हक छीन लिया गया।जिससे पालिका को अब तक 2 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है।पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के लिए पालिका द्वारा पूर्व में सरकार से कर्ज के तौर पर 13 करोड़ की धनराशि की मांग की गई थी।लेकिन सरकार ने केवल 5 करोड़ ही अवमुक्त किये। वर्तमान में पालिका पर करीब 3 करोड़ का कर्ज है।पालिकाध्यक्ष जोशी ने कहा कि अप्रैल 2022 में राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियां लागू होने जा रही है उसमें पालिका द्वारा कर्ज के तौर पर मांगे गये पैसे का समायोजन होगा। इसकी मांग उन्होंने सरकार से की है।