माननीय प्रभारी सत्र न्यायधीश/ अपर सत्र न्यायधीश महोदय अल्मोड़ा द्वारा धारा 420 आई पी सी व धारा 66 डी आई टी एक्ट के आरोपी उत्तर प्रदेश निवासी राहुल गुप्ता की जमानत अर्जी स्वीकार की,
अभियोजन पक्ष द्वारा उक्त जमानत का घोर विरोध किया लेकिन अभियुक्त के अधिवक्ताओं की दलीले सुनने के बाद माननीय अपर सत्र न्यायाधीश/प्रभारी सत्र न्यायाधीश द्वारा अभियुक्त् को जमानत् प्रदान की
अभियुक्त की ओर से एडवोकेट पंकज बझेटा, कृष्णा बाराकोटी, दीप जोशी, सुनील ग्वाल आधिवक्ताओं ने पैरवी की।

ये हैं मामला

प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त राहुल गुप्ता की ओर से चालानी राजस्व क्षेत्र भनोली, जिला अल्मोड़ा के मुकदमा अपराध संख्या-02/2019, अन्तर्गत धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता एवं धारा 66डी आई0टी0 एक्ट में जमानत पर रिहा किये जाने हेतु दिया गया है।

2. जमानत प्रार्थना पत्र में प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा यह कथन किया गया है कि उसकी जमानत याचिका दिनांक 02.12.2022 को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से निरस्त हो चुकी है। मामले में रिपोर्टर द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट 5 साल विलम्ब से दर्ज कराई गयी है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 10.10.2022 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध कोई तहरीर रिपोर्टर द्वारा नहीं दी गयी है और ना ही अभियुक्त उपरोक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा उपरोक्त धाराओं के अन्तर्गत कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त को बेबुनियाद, काल्पनिक व निराधार तथ्यों के आधार पर रंजिशन फंसाया गया है, जबकि अभियुक्त का उक्त मामलेतथा से कोई सरोकार नहीं है। मामले में धारा-420 भा००स० एव धारा-66 डॉ० आईटी एक्ट के तत्व आकर्षित नहीं करते हैं। रिपोर्टर अभियुक्त एक दूसरे को नहीं जानते हैं और ना ही कभी रिपोर्टर अभियुक्त के सम्पर्क में रहा। प्रार्थी/ अभियुक्त को फौ०वा०सं०-89 / 2021 मु0सं0-366/2019 अन्तर्गत धारा 420/34 भा०द०स० में न्यायालय नायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा दिनांक 10.102022 को बाइज्जत बरी कर दिया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा प्रार्थी / अभियुक्त का मामले में सह-अभियुक्तगणों से कोई सरोकार नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा कोई भी लाभ प्राप्त नहीं किया गया है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थना-पत्र स्वीकार किये जाने की याचना की गयी।

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प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैराकार ओम प्रकाश गुप्ता

द्वारा अपना शपथ पत्र 4ख दाखिल किया गया है।

4 इस सम्बन्ध में मेरे द्वारा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता श्री दीप चन्द्र जोशी तथा अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) श्री एस०सी० नलवाल को सुना तथा फौजदारी वाद संख्या-1621 वर्ष 2022 की पत्रावली का परिशीलन किया गया।

5. संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 16.06.2019 को वादी मुकदमा दीवान सिंह द्वारा राजस्व उपनिरीक्षक मनोली में एक तहरीर प्रस्तुत कर कथन किया गया कि राकेश शर्मा, एस०के० पाठक, अजय ठाकुर तथा विजय शर्मा द्वारा उसे मोबाइल टावर, इंश्योरेन्स और ड्रीमलैंड डेवलेपर्स में पैसा लगाकर अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने का झांसा देकर अलग-अलग बैंक खातों में समय समय पर पैसा जमा करवाया तथा उसके साथ लाखों रूपये की धोखाधड़ी की गयी। उक्त तहरीर के आधार पर राजस्व क्षेत्र भनोली में मु०अ०सं०-02 /2021 अन्तर्गत धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता एवं धारा 66डी आई०टी० एक्ट में अभियुक्तगण विजय शर्मा, राकेश शर्मा, कपिल शर्मा एस0के0 पाठक व अजय ठाकुर के विरूद्ध पंजीकृत किया गया तथा दौरान विवेचना अभियुक्त राहुल गुप्ता व एक अन्य अभियुक्त अमर का नाम 6. अभियोजन द्वारा जमानत प्रार्थना-पत्र के विरोध में मामले के विवेचक की आख्या कागज सं0-8ख / 1 लगायत 8ख / 2 प्रस्तुत कर यह कथन किया गया है कि वर्ष 2013 से वर्ष 2019 तक लगातार अभियुक्तगणों द्वारा धोखाधड़ी की गयी है। जिस सम्बन्ध में पूर्व में भी अभियोग दर्ज कराये गये हैं, परन्तु जिस धोखाधड़ी का सम्बन्ध अभियुक्त राहुल गुप्ता से है वह वर्ष 2019 से सम्बन्धित है। अभियुक्त राहुल गुप्ता के बैंक खाते में शिकायतकर्ता दीवान सिंह का धन स्थानान्तरित हुआ है तथा अभियुक्त राहुल गुप्ता के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य है।

7. वर्तमान मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय के द्वारा विचारणीय है तथा मामले में बाद विवेचना आरोप पत्र अवर न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है। अभियुक्त राहुल गुप्ता प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है तथा दौरान विवेचना अभियुक्त का नाम प्रकाश में आया है। मामले में वादी मुकदमा द्वारा अपनी तहरीर में अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध वर्ष 2013 से वर्ष 2019 तक धोखाधडी किये जाने का आरोप लगाया है, किन्तु वर्तमान अभियुक्त राहुल गुप्ता के विरूद्ध मामला वर्ष 2019 से सम्बन्धित है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त राहुल गुप्ता दिनांक 21.11.2022 से न्यायिक हिरासत में है। अतः इन परिस्थितियों में मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी ना करते हुए यह न्यायालय इस मत की है कि अभियुक्त जमानत प्राप्त करने का अधिकारी है तथा उसका जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।

आदेश

8. 9 जमानत प्रार्थना पत्र संख्या – 152 वर्ष 2022 स्वीकार किया जाता है। अभियुक्त राहुल गुप्ता को रू० 30,000/- (रूपये तीस हजार) का एक स्व-बन्ध पत्र तथा समान राशि के दो प्रतिभू दाखिल करने पर सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की सन्तुष्टि पर जमानत पर रिहा किया जाये।