पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम.बिट्टू कर्नाटक ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया कि प्रजातन्त्र में पत्रकारिता ( प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया ) का कार्य सार्वभौमिक व बहुआयामी है । पत्रकार का कार्य मात्र घटनाओं का संकलन करना ही नहीं बल्कि समाज में फैली तमाम समस्याओं का अध्ययन कर उन्हें आगे लाना है । जिसके फलस्वरूप लोकतन्त्र में पत्रकारिता का अलग महत्व और पहचान है । ये लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ व जनमत के निर्माता हैं । पत्रकार समाज का आईना होता है वे समाज की समस्याओं ,कुरीतियों,सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो ,अपराध को रोकने में सहायक,समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करने आदि का कार्य करते हैं । जिस कारण आज पत्रकार अपराधियों,असामाजिक तत्वों व दबंगों के निशाने पर हैं जिस कारण पत्रकारों का प्रायः उत्पीड़न भी होता रहता है ।

           उन्होंने कहा कि पत्रकार ,रिर्पोटर,फोटोग्राफर आदि इस कोरोना महामारी में भी अपने जीवन की चिन्ता न कर देश के विभिन्न स्थानों तथा संक्रमित इलाकों में जाकर नियमित रूप से खबरों का प्रकाशन और प्रसारण कर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं जिससे आम लोगों तक जरूरी और आवश्यक सूचनायें पहुंचती हैं ।  किन्तु मीडिया को न तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं और न ही सुविधायें ।  कर्नाटक ने मुख्यमंत्री जी से मांग की कि इनके हित को ध्यान में रखते हुये इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स की भांति (1) दुर्घटना बीमा/स्वास्थ्य बीमा/कोरोना के अन्तर्गत रू. 50.00(रू.पचास लाख)का बीमा लाभ दिया जाय (2) कोविड काल में इनके परिवार के भरण पोषण हेतु प्रतिमाह रू. 10000/-की पेंशन अथवा आर्थिक सहायता दी जाय (3)कोरोना महामारी को देखते हुये इन्हें संक्रमण से बचाये रखने हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराये जायं ।