‘ द एसेंशियल गाइड टू क्लाइंबिंग इन द अल्मोड़ा एरिया’ बुक का लॉन्च कसार देवी के रेनबो कैफे में २६ नवंबर को हुआ।
यह उत्तराखंड की पहली रोक क्लाइंबिंग गाइड बुक है, भारत की पांचवी।
इस किताब के लेखक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय अल्मोड़ा के निवासी है। बारहवीं कक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन ली। एक आईटी कंपनी चला रहे थे जब इनका परिचय रोक क्लाइंबिंग से हुआ। २५ साल की उमर में सिद्धार्थ ने दिल्ली, धौज व अमेरिका में क्लाइंबिंग की और इस स्पोर्ट से इनका जुड़ाव बढ़ता गया। उन्होंने दिल्ली के क्लाइंबिंग जिम बोल्डरबॉक्स में क्लाइंबिंग सिखाई भी।
तीन साल पहले सिद्धार्थ वापस अल्मोड़ा आए, और किताब लिखने की प्रक्रिया में लग गए।
यह किताब के हर पन्ने में उन रॉक्स का वर्णन है जो सिद्धार्थ ने अपने साथियों के साथ चढ़ी व उसका रूट तह किया। इस किताब में हर रॉक पे कैसे पहुंचा जाए, उसका मैप भी दिया गया है।
यह किताब पहाड़ की नई पीढ़ी में क्लाइंबिंग व ऑल्टरनेटिव स्पोर्ट्स के प्रति जागरूकता फैलाने का उद्देश्य भी रखती है। क्लाइंबिंग अब एक ओलंपिक स्पोर्ट भी है जिसमे देश विदेश से लोग भाग ले रहे है।
इंडिया में यह स्पोर्ट अभी कॉमन नई है, हालांकि ७० के दशक से कुछ लोग क्लाइंबिंग से जुड़े है। वर्तमान में दिल्ली बैंगलोर जैसे शहरों में काफी इंडोर क्लाइंबिंग जिम्स खुल गए है।
सिद्धार्थ चाहते है के देश विदेश से क्लिंबर्स आए और उनकी गाइड बुक के जरिए अल्मोड़ा में क्लाइंबिंग को और मजबूत करे। उनकी सुने तो अल्मोड़ा की नई व पुरानी पीढ़ी को अपने हिमालयन परिवेश से जुड़ाव बढ़ाना चाहिए और इस पर्यावरण को संजो कर इस स्पोर्ट का आनंद उठाना चाहिए।
बुक लॉन्च में कुमाऊं के कुछ क्लाइंबर्स व माउंटेनियर्स मौजूद थे, रानीखेत से सुमित गोयल, आइस-क्लिंबर कारण कौशिक भीमताल से, नेशनल आउटडोर लर्निंग स्कूल के प्रबंधक रवि कुमार, वकील शेखर लखचौरा, पूर्व जर्नलिस्ट आशुतोष पंत, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अभिनव त्रिवेदी, पैराग्लाइडर अर्जुन बिष्ट, लॉन्ग बोर्डर जितेंद्र सिंह, भाजपा नेत्री किरन पंत, रित्तू पंत, रवि वोहरा, पूनम वोहरा आदि लोग भी इस लॉन्च में मौजूद रहे। सिद्धार्थ सप्ताह में क्लाइंबिंग की वर्कशॉप भी लगाते है।