गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में दो दिवसीय वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 29वी समीक्षा बैठक दिनांक 12 अगस्त, 2022 को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मोड (हाइब्रिड मोड) में संपन्न हुई.

 

बैठक के प्रथम दिन अपने स्वागत उद्बोधन में संस्थान के निदेशक डा० सुनील नौटियाल ने उपस्थित वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों तथा संस्थान के अन्य सभी कर्मचारियों का स्वागत किया तथा उन्हें संस्थान के मुख्यालय तथा क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा किये जा रहे शोध एवं विकास सम्बंधित कार्यों से अवगत कराया.

 

बैठक के प्रथम दिवस को नॉलेज शेयरिंग डे का नाम दिया गया जिसमें संस्थान के युवा वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने हिमालयी क्षेत्र में संस्थान के मुख्यालय अल्मोड़ा एवं इसकी क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों, क्षेत्रीय मुद्दों एवं उपलब्धियों तथा भविष्य की चुनौतियों हेतु रणनीति आदि गंभीर विषयों पर प्रस्तुतिकरण दिया. साथ ही संस्थान के शोधार्थियों के साथ मष्तिष्क मंथन किया जिसमें हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन एवं स्थानीय जनसमुदाय की भागीदारी द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं आजीविका वृद्धि सम्बंधित मुख्य मुद्दों पर एक रूपरेखा बन का सामने आई. इन मुद्दों पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति ने अपने अनुभवों को साझा किया तथा इन मुद्दों पर अति शीघ्र कार्य करने हेतु दिशा निर्देश दिए.

 

इसी क्रम में बैठक के द्वितीय दिवस में संस्थान के चारों केन्द्राध्यक्षों तथा क्षेत्रीय केन्द्रों के प्रमुखों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे शोध एवं विकासात्मक कार्यो को पावर प्वाइंट स्लाईड शो के माध्यम से विस्तृत रूप से बताया तथा विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर किये गये शोध कार्यो से सबको रूबरू कराया। जिसमें हिमालय में जल स्थिरता का मानचित्रीकरण, आजीविका वृद्धि के लिए प्रोद्योगिकी हस्तान्तरण के माध्यम से मॉडल गॉंवों का विकास, वन संपदा के संवर्धन एवं संरक्षण, संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण, संरक्षण एवं विकास के लिए जैव विविधता डेटाबेस तथा पर्यावरणीय सॉंस्कृतिक आजीविका को बढ़ाने जैसे विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी तथा अपने अध्ययन से  निकले निष्कर्षो को प्रस्तुत किया।   

 

संस्थान के शोध एवं विकास कार्यो की प्रगति की समीक्षा करते हुए वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ एकलब्य शर्मा ने संस्थान द्वारा किये गये कार्यो की सराहना की। सलाकार समिति के सदस्यों ने भविष्य के शोध कार्यों हेतु विभिन्न सुझाव दिए जिनमें कि शोध कार्यों के निष्कर्षों को नीतिगत दस्तावेजीकरण हेतु अधिक प्रभावी ढंग से ढंग से उपयोग में लाने, प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनरुत्थान हेतु कार्य करने, प्रभावी तरीके से हिमालयी जन समुदाय के कौशल वृद्धि, क्षमता निर्माण एवं उद्यमिता विकास हेतु कार्य करने, जलवायु परिवर्तन जोखिम हेतु एक वल्नेरेबिलिटी मानचित्रण तैयार करने तथा इसके प्रभावों को कम करने हेतु अनुकूलन विधियों को तैयार करने की आवश्कता आदि थे.  साथ ही सदस्यों द्वारा हिमालयी क्षेत्र की बायो क्लाइमेटिक मैपिंग करने, औषधीय पादपों के बाजारीकरण हेतु बिसनेस मॉडल बनाने, स्थानिक एवं संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण एवं जागरूकता अभियान चलाने हेतु कार्य करने का बहुमूल्य सुझाव दिया गया . 

 

वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष डा० एकलब्य शर्मा (ऍफ़एनए), डॉ0 राजीव मोहन पन्त, कुलपति, असम विश्वविद्यालय, सिलचर, डॉ0 अरून कुमार सराफ, प्रोफेसर, इण्डियन इंस्टिट्यूट  ऑफ टेक्नोलॉजी, रूड़की, डा० कलाचंद सेन, निदेशक, वाडिया इंस्टिट्यूट, देहरादून, डॉ0 संदीप ताम्बे, प्रोफेसर, इण्डियन इंस्टिट्यूट ऑफ फोरेस्ट मैनेजमैंट, भोपाल, डा० धृति बनर्जी, निदेशक, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कोलकाता उपस्थित थे.

 

बैठक के अंत में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ई० किरीट कुमार ने वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया तथा सभी प्रतिभागियों को बैठक में सक्रीय भागीदारी हेतु धन्यवाद दिया.  

 

बैठक में संस्थान के केंद्र प्रमुखों ई० किरीट कुमार, डा० जे०सी० कुनियाल, डा० जी०सी०एस० नेगी, डा० आई०डी० भट्ट सहित संस्थान के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय केन्द्रों के समस्त वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों एवं शोधार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया.