जैव प्रौद्योगिकीय विभाग, भारत सरकार एवं राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तराखण्ड (यूकोस्ट), द्वारा चलाये जा रहे कौशल विज्ञान कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनंाक 10.01.2022 से गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा द्वारा तीन माह का कौशल विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। जो 10.01.2022 से 31.03.2022 तक चलेगा। इस कार्यक्रम को मुख्य उद््देष्य बेरोजगार व्यक्तियों का कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार एवं रोजगार हेतु तैयार करना है। यह उत्तराखण्ड राज्य में इस प्रकार का पहला प्रयास है जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को प्रयोगशाला की विभिन्न तकनीकीयों के बारे में अवगत कराया जायेगा और साथ ही प्रशिक्षण समाप्ति के उपरान्त उनको उद्योग जगत से रोजगार हेतु जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
इस कार्यक्रम को प्रारम्भ करते हुए पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 इन्द्र दत्त भट्ट, विभागाध्यक्ष जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र (सी0बी0सी0एम0) ने मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं सभी को इस कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी उन्होनें इस कार्यक्रम में इन तीन माह में होनेे वाले गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होने कहा की इस कार्यक्रम से प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के लाभ जैसे उनकी कौशल क्षमता में वृद्धि, अच्छा रोजगार मिलने की सम्भावना तथा उनमें निर्णय लेने की समझ पैदा होगी। कार्यक्रम के शिक्षाविदों के विचार विषय के अन्तर्गत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 जी0सी0 एस नेगी द्वारा अपने विचार रखे गये। जिसमें उन्होने कार्यक्रम की महत्वता को समझाते हुए प्रतिभागियों की कौशल विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के विषय में प्रकाश डाला गया। प्रो0 पी0 एल0 उनियाल, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कार्यक्रम के शिक्षाविदों के विचार विषय के अन्तर्गत कौशल विकास कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कार्यविषय पर अपने विचार व्यक्त करके उनका मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अगले विषय ’’उद्योगपतियों के विचार’’ के अन्तर्गत हाॅई मैक्स नैच्युरल प्राईवेट लिमिटेड, हल्द्वानी से उपस्थित विशेषज्ञ डा0 बी0 एस0 कालाकोटी द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये गये। जिसमें उन्होने बताया कि कैसे हम प्रतिभागियों का इस कौशल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न जैव संसाधनों के उपयोग से उत्पादों का निर्माण करके उन्हें प्रतिष्ठित कम्पनीयों में रोजगार के अवसर प्राप्त करा सकते है। इसी क्रम में इमामी प्राईवेट लिमिटेड, कोलकत्तामें कार्यरत डा0 रमेश उनियाल द्वारा प्रतिभागियों को मौखिक संचार की कौशल विकास में उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि औषधीय पादपों के कम्पनी तक पहुॅचने में विभिन्न समस्याओं के विषय में बताया गया। तथा हम किस प्रकार इस अन्तराल को ऐसे कार्यक्रमों की मद्द से कम कर सकते है।
इसी क्रम में संस्थान के निदेशक प्रभारी ई0 किरीट कुमार द्वारा कार्यक्रम की महत्वता को बताया गया और उन्होने यह भी बताया की कैसे हम प्रतिभागियों संस्थान मे उपलब्ध प्रयोगशाला उपकरणों को संचालित करने का प्रशिक्षण भी दे सकते है। उन्होनें विश्वास दिलाया कि संस्थान पूरी क्षमता के साथ इस कार्यक्रम को आगे बढ़ायेगा और इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पूर्ण सहयोग देगा। उन्होनें जोर देकर कहा कि प्रशिक्षणार्थीयों को इस प्रशिक्षण के बाद रोजगार के अच्छे अवसर मिलगे। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि डा0 राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), के द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम द्वारा ही हम प्रतिभागियों का कौशल विकसित कर सकते है। उन्होनें यह भी बताया कि कैसे हम इस प्रकार के कार्यक्रमों की मद्द से प्रतिभागियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर सकते है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में इस प्रकार के कार्यक्रम चलाकर नौजवानों का रोजगार हेतु कौशल विकास करवाकर बेरोजगारी मुक्त उत्तराखण्ड बनाना है। उन्होने कहा कि कौशल विकास से ही बेरोजगारी कम हो सकती है। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के वैज्ञानिक डा0 के चन्द्र सेकर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थिति संस्थान निदेशक, महानिदेशक यूकोस्ट, विषय विशेषज्ञों, प्रतिभागियों, तथा समस्त सहभागियो का धन्यवाद किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिक, अधिकारी एवं शोधार्थी शामिल थे। जिसमें में डा0 जे0 सी0 कुनियाल, पर्यावरण संस्थान, डा0 वीना पाण्डे, कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल, डा0 संदीप अरोड़ा, पतं नगर विश्वविद्यालय, अंकित राणा, जैव विज्ञान कौशल विकास परिषद (एल0एस0एस0डी0सी0), डा0 वासुदेव पुरोहित एवं डा0 अपर्णा सरिन, यूकोस्ट तथा पर्यावरण संस्थान के डा0 सुबोध ऐरि, डा0 विक्रम नेगी,, डा0 वीना पाण्डे, दीप चन्द्र तिवारी, बसंत सिंह, लक्ष्मण सिंह, पुष्पा केवलानी, विभाष ध्यानी, रवि पाठक, आदि उपस्थित थे।