अल्मोड़ा। उत्तरांचल पंजाबी महासभा के जिलाध्यक्ष कपिल मल्होत्रा ने उत्तरांचल पंजाबी महासभा की कोर कमेटी के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्ति रद्द करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे पंजाबी समाज का अपमान करार दिया है। प्रेस को जारी बयान में मल्होत्रा ने कहा कि भाजपा सरकार पंजाबी समाज की लगातार उपेक्षा करती है इस बार पंजाबी महासभा के व्यक्ति को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के बाद कुछ लोगों के कहने पर मुख्यमंत्री ने नियुक्ति को रद्द करके एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा सरकार पंजाबी समाज की विरोधी है। मल्होत्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने मीडिया सलाहकार के रूप में उत्तरांचल पंजाबी महासभा की कोर कमेटी के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की नियुक्ति 17 मई को की थी और बिना पदभार ग्रहण करते ही 19 मई को नियुक्ति रद्द कर दी गयी। यह न सिर्फ दिनेश मानसेरा का अपमान है बल्कि पंजाबी समाज का भी अपमान है। भाजपा सरकार में पंजाबी समाज लम्बे समय से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। पंजाबी समाज के पांच विधायक होने के बावजूद भाजपा सरकार में उन्हें कोई सम्मानजनक पद नहीं दिया गया है। अब सरकार में वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा को सम्मान से नवाजा जा रहा था तो उसे भी वापस कर दिया गया। मल्होत्रा ने कहा कि दिनेश मानसेरा एक प्रतिभावान, अनुभवी और जनसेवा को समर्पित पत्रकार हैं उनकी प्रतिष्ठा को चंद चाटु कारों और राजनैतिक महत्वकांक्षाएं रखने वाले व्यक्तियों के बहकावे में आकर धूल धुसरित करने का काम किया गया है। दिनेश मानसेरा की पत्रकारिता उत्तराखण्ड के विकास और सकारात्मक सोच वाली रही है। उन्होंने हमेशा निष्पक्ष और निर्भीकता के साथ पत्रकारिता करते मीडिया जगत में एक अलग पहचान बनायी है। उत्तराखंड की जटिल भौगोलिक परीस्थितियों और जनता की समस्याओं से पत्रकारिता के माध्यम से जुड़े दिनेश मानसेरा जनता की नब्ज पहचानते हैं जिस अनुभव का लाभ मुख्यमंत्री को मिल सकता था लेकिन कुछ लोग मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सफल मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित नहीं होने देना चाहते है शायद यही वजह है कि षड्यंत्र रचकर ऐसी परिस्थिति पैदा कर दी कि दिनेश मानसेरा ने खुद ही पद भार ग्रहण करने से मना कर दिया। मल्होत्रा ने कहा कि ये मुख्यमंत्री की असफलता के साथ साथ पंजाबी समाज के सिरमौर दिनेश मानसेरा का ही अपमान नहीं है बल्कि इससे पूरे पंजाबी समाज का अपमान हुआ है क्योंकि भाजपा सरकार ने पांच विधायक पंजाबी समाज से होते हुए भी उनमें किसी को न तो मंत्रीमंडल में शामिल किया न ही प्रतिष्ठित पंजाबी नेताओं या कार्यकर्ताओं को भाजपा संगठन या सरकार में उचित स्थान ही दिया है। मल्होत्रा ने कहा कि अब पंजाबी समाज को स्वयं ही निर्णय लेना पड़ेगा कि जिस पार्टी को अपने खून पसीने से सींचकर सत्ता के शिखर तक पहुंचाया है उसी ने पूरे पंजाबी समाज को अनदेखा कर चापलूसों को अपने सिर माथे बिठाया है। मल्होत्रा ने कहा कि भविष्य में 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाबी समाज भी अपने हितों को ध्यान में रखकर उसी राजनैतिक दल को समर्थन देगा जो उसके हितों की रक्षा का वायदा करेगा। दिनेश मानसेरा का अपमान पंजाबी समाज भूलेगा नहीं।

मल्होत्रा ने कहा कि अल्मोड़ा में जब पहली बार जनसंघ के पहले विधायक 1954 में गोविंद सिंह बिष्ट बने थे तब अटल बिहारी वाजपेयी जी अल्मोड़ा आये थे तब उनकी सभा को कोई स्थान न मिलने पर पंजाबी समाज के स्व0 खूब चन्द धवन जी ने अपने घर के दरवाजे खोले थे। और अटल जी ने कार्यकर्ताओं के साथ धवन जी के घर में बैठक की थी। अटल जी का रात्रिभोज व विश्राम भी धवन जी के घर में ही किया गया था। ओम प्रकाश नज्जौन के द्वारा से अटल जी के कार्यक्रम ने मिष्ठान वितरण का प्रबंध किया गया था। जनसंघ के समय से अल्मोड़ा में भी पंजाबी समाज भाजपा के साथ जुड़ा रहा है। पर आज भी पंजाबी समाज का अनादर भाजपा द्वारा लगातार किया जाता रहा है जो अब पंजाबी समाज किसी भी कीमत में सहन नहीं करेगा। बैठक में पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बंसी लाल कक्कड़, ओम वोहरा, बलबीर राज धवन, तरुण धवन सहित अनेक लोगों का समर्थन रहा ।