अल्मोड़ा। एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के केंद्रीय पुस्तकालय में पुस्तकालय प्रभारी एवं वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रोफेसर भीमा मनराल ने परिसर के समस्त विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर पुस्तकालय से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर परिचर्चा की। बैठक में तय किया गया कि वर्तमान समय की सबसे अहम ई-लर्निंग प्रणाली पर पुस्तकालय को आवंटित धनराशि में से कुछ प्रतिशत खर्च किया जाएगा। 

एसएसजे परिसर के कंेद्रीय पुस्तकालय सभागार में आयोजित अहम बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रो भीमा मनराल ने सभी विभागों विभागों के विभागाध्यक्षों से छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों को पेश आ रहीं समस्याओं पर सामूहिक सुझाव मांगे। इस दौरान उन्होंने बारी बारी से परिसर के समस्त विभागाध्यक्षों से छात्र छात्राओं की पुस्तकों से संबंधित कठिनाइयों का समाधान करना, पुस्तकों की गणना, मानकीकृत पब्लिकेशन, गुणवत्ता, उनके क्रम करने हेतु पब्लिकेशन, संस्था आदि पर विचार सुनें। साथ ही शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट जनरल पर भी सुझाव मांगे। तय किया गया कि विभिन्न विभागों को आवंटित की जाने वाली पुस्तकालय धनराशि का अब ई-लर्निंग में भी खर्च किया जाएगा। ताकि आॅनलाईन शिक्षा पर भी जोर दिया जा सके। इस अवसर पर पुस्तकालय के सह प्रभारी डॉ विभाष कुमार मिश्रा ने पुस्तकालय से संबंधित विभिन्न पक्षों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। सभी विभागाध्यक्ष द्वारा पुस्तकालय के उन्नयन हेतु संपूर्ण आवंटित धनराशि के कुछ भाग ई लर्निंग प्रबंधन करने पर सहमति प्रदान की। प्रो भीमा मनराल ने सभी विभागाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि नवोदित विवि के उन्नयन एवं विकास के लिए लाईब्रेरी से संबंधित समस्याओं के निराकरण करने के लिए सामूहिक प्रयास करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपके सुझाव एवं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए पुस्तकालय से संबंधित समस्त समस्या को अविलंब दूर किया जाएगा। ताकि पुस्तकालय की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है।

बैठक में प्रोफेसर पुष्पा अवस्थी, प्रोफेसर मीना पथनी, प्रोफेसर इला साह, प्रोफेसर एके यादव, प्रोफेसर रूबिना अमान, प्रोफेसर बीसी तिवारी, प्रोफेसर वंदना जोशी, प्रोफेसर बीडीएस नेगी, डॉ अरशद हुसैन, डाॅ पारुल सक्सेना, डॉ नंदन, डॉ दीपक आर्य, डॉ प्रतिभा फुलेरिया, डाॅ संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।