विहान सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था अल्मोड़ा के द्वारा नाटक अलख का प्रस्तुतीकरण किया गया नाटक अलख के जरिए कुमाऊं में घटित हुई क्रांतिकारी घटनाओं पर प्रकाश डाला गया बद्री दत्त पांडे  द्वारा सरयू बगड़ बागेश्वर में उत्तरायणी कौतिक के अवसर पर कुली बेगारी आंदोलन विक्टर मोहन जोशी  द्वारा 20 मई 1929 को म्युनिसिपार्टी बोर्ड कार्यालय जो अब महिला चिकित्सालय अल्मोड़ा के नाम से जाना जाता है उसमें झंडा रोहण सरला बहन की अगुवाई में चनौदा आश्रम को बचाने के लिए अंग्रेजों से लड़ी गई लड़ाई एवं सल्ट क्रांति का उल्लेख किया गया सल्ट क्रांति में दो सगे भाई की खीमानंद और गंगाराम शहीद हो गए एवं लालमणि और एक साथी को गंभीर चोट आई उन्होंने भी 4 दिन के बाद हॉस्पिटल में अपने प्राण त्याग दिए नाटक के रचना नगर के वरिष्ठ रंगकर्मी कर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज जी ने की है नाटक का निर्देशन नगर के वरिष्ठ रंगकर्मी नरेश बिष्ट जी द्वारा किया गया नाटक मैं देवेंद्र भट्ट संदीप नयाल महेंद्र सिंह मेहरा उमाशंकर जयदीप पांडे जगदीश तिवारी नीरज डंगवाल प्रदीप चंद्र राकेश कुमार ममता वाणी भट्ट निशा मेहरा दिव्या जोशी श्वेता शर्मा गरिमा ने भूमिका निभाई संगीत पक्ष में अमित बुधौरी पंकज कुमार भास्कर भौर्याल संतोष कुमार जानकी ने अपनी भूमिका निभाई संपूर्ण नाटक का संचालन नगर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं फिल्म मेकर भास्कर जोशी द्वारा किया गया