सोमवार दिनाँक 19.09.2022 को गोविंद बल्लभ पंत-राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में, पर्यावरण संस्थान एवं बाथ स्पा विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम के बीच पोस्ट मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) का समारोह आयोजित किया गया। समारोह में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के वैज्ञानिकों एवं संस्थान के सभी क्षेत्रीय केंद्रों के सभी वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने भाग लिया।
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक, डा० सुनील नौटियाल ने बाथ स्पा विश्वविद्यालय के खतरा, जोखिम और आपदा अनुसंधान समूह के निदेशक डा० रिचर्ड जॉनसन और भौतिक भूगोल में टीचिंग फेलो डा० सेरी डेविस का स्वागत किया और कहा कि यह समझौता भारतीय हिमालय क्षेत्र के सभी राज्यो में अचानक आने वाली बाढ़ के कारण लगातार उत्पन्न होने वाले खतरों और जोखिमों को कम करने की लिए एवं इसके प्रबंधन हेतु उपयोगी साबित होगा।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० जे०सी० कुनियाल द्वारा प्रतिनिधि मंडल के साथ अपने अनुभव साझा किये गए. उन्होंने कहा कि कैसे उनके द्वारा पूर्व में हिमाचल प्रदेश में किये गए अध्ययन को उत्तराखंड समेत अन्य भूकंप एवं भू-क्षरण हेतु संवेदनशील भारतीय हिमालयी क्षेत्र में दोहराया जा सकता है जिससे कि इस संबंधी एक सम्पूर्ण डेटाबेस तथा अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार किया जा सके.
समारोह से पूर्व बाथ स्पा विश्वविद्यालय से आये प्रतिनिधि मंडल द्वारा संस्थान के सूर्यकुंज तथा प्रकृति संरक्षण एवं विश्लेषण केंद्र का भ्रमण किया गया. इस दौरान संस्थान के वैज्ञानिक डा० आशीष पाण्डेय एवं डा० सुबोध ऐरी द्वारा सूर्यकुंज तथा प्रकृति संरक्षण एवं विश्लेषण केंद्र की विशेषताओं तथा तथा इसमें संरक्षित की जा रही विभिन्न पादप प्रजातियों के बारे में प्रतिनिधि मंडल को विस्तार से जानकारी दी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि किस प्रकार सूर्यकुंज जन भागीदारी द्वारा पर्यावरणीय शिक्षा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. प्रतिनिधियों द्वारा संस्थान द्वारा की जा रही प्रकृति संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यावरणीय शिक्षा की दिशा में किये जा रहे क्रियाकलापों की सराहना की.
समारोह के अंतिम सत्र के दौरान प्रतिनिधि मंडल द्वारा संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर तथा ज्योली ग्राम समूह का भ्रमण किया गया जहाँ संस्थान द्वारा की जा रही शोध एवं विकास सम्बंधित गतिविधियों के बारे में संस्थान के वैज्ञानिकों डा० शैलजा पुनेठा, डा० परोमिता घोष, डा० सुमित राय तथा डा० कपिल केसरवानी तथा वरिष्ठ तकनीशियन डा० वाई०के० राय ने प्रतिनिधि मंडल को फील्ड भ्रमण कर जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० परोमिता घोष ने प्रतिनिधि मंडल के वैज्ञानिकों, संस्थान के निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० जे०सी० कुनियाल, क्षेत्रीय केन्द्रों तथा संस्थान मुख्यालय से ऑनलाइन माध्यम जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया.